गोरखनाथ मंदिर पर हमला मुर्तजा से लेकर मिर्जा दिलशाद, परवेज टांडा सभी का नेपाल कनेक्शन

# ## Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com)यूपी में अपराध करने के बाद बदमाशों के लिए नेपाल सेफ जोन बनता जा रहा है। पिछले 15 दिन में गोरखपुर पुलिस ने ऐसे 2 बड़े क्रिमिनल को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में क्रिमिनल के हेडक्वार्टर नेपाल में होने की बात सामने आई है। ये वहीं से बैठकर अपना गिरोह भारत में ऑपरेट कर रहे थे। मूवमेंट बार्डर एरिया के गोरखपुर में होने के बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
सिर्फ अपराधियों के लिए ही नहीं, आतंकियों का कनेक्शन नेपाल से मिलता रहा है।

नेपाल में रहकर सुनील चलाता है गिरोह

10 जुलाई को गोरखपुर सर्विलांस सेल और कैंट पुलिस सुनील उर्फ बहादुर को पकड़ा। सुनील ने नेपाल में ठिकाना बनाया था। मोहरीपुर के चिलुआताल में रहने वाले सुनील चौहान पर लूट-डकैती और हत्या के मुकदमे दर्ज हैं। सुनील चौहान का अपना गिरोह है। नेपाल और भारत के कारोबारी उसके टारगेट पर रहते हैं।


शातिर टमाटर नेपाल से चला रहा था गैंग

16 जुलाई को पुलिस ने शातिर अपराधी मनोज साहनी उर्फ टमाटर को अरेस्ट किया। उस पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। टमाटर का गिरोह भी नेपाल से लेकर भारत का फैला है।

गोरखनाथ मंदिर के हमलावर मुर्तजा का भी था नेपाल कनेक्शन
3 अप्रैल की शाम गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाला मुर्तजा अहमद अब्बासी भी हथियार लेने नेपाल गया था। वह पहले ही नेपाल जाकर ही आतंकियों के संपर्क में आया। उसके नेपाल कनेक्शन की जांच अभी भी पुलिस कर रही है।

आतंकियों को भी शरण देता था दिलशाद
दिलशाद गोरखपुर के कोतवाली इलाके के मेवातीपुर मोहल्ले में रहता था। गोरखपुर समेत कई जिलों में गाड़ी चोरी, अपहरण, फिरौती और हत्या जैसी घटनाओं में केस दर्ज हुए। 80 के दशक में वो फरार होने के दौरान ही डी कंपनी यानी दाउद इब्राहिम का खास बन गया। उसे नेपाल की कमान दाउद ने सौंप दी साल 1994 में उसने नेपाल में चुनाव जीता और मंत्री भी बना।
साल 1998 में दिलशाद की हत्या कर दी गई। गोरखपुर में अपराध कर मिर्जा दिलशाद बेग नेपाल चला जाता था। ऐसे भी इनपुट मिले कि वो अपराधियों और आतंकियों को शरण भी देता था।

दिलशाद के बाद परवेज टांडा ने संभाली कमान
मिर्जा दिलशाद बेग की हत्या के बाद नेपाल की कमान मोस्ट वांटेंड परवेज टांडा ने संभाल ली। परवेज दिलशाद का बेहद करीबी था। गोरखपुर के मेवातीपुर मोहल्ले में स्थित दिलशाद के घर से कुछ दूरी पर छोटेकाजीपुर में ही परवेज रहता था। परवेज गोरखपुर में हत्या और बम विस्फोट जैसी घटनाओं में शामिल था। फरारी के दौरान उसने भी नेपाल को ही अपना सेफ ठिकाना बनाया।
काफी दिनों तक उसने नेपाल से अपना गैंग पूरे पूर्वांचल में चलाया। एक दिन नेपाल नें परवेज टांडा की भी हत्या कर दी गई।

यूपी में 570 किमी लंबा है नेपाल बार्डर
दरअसल, भारत, नेपाल के साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम को मिलाकर 1751 किमी लंबी सीमा साझा करता है। इसमें से नेपाल के साथ उत्तर प्रदेश की 570 किमी सीमा लगती है। इस क्षेत्र में 30 बॉर्डर पुलिस स्टेशन भी हैं।
भारत-नेपाल सीमा से पकड़े गए आतंकी

  • 3 अप्रैल 2022 में मुर्तजा नेपाल वाया बांसी, गोरखपुर पहुंचा। गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। जिसके बाद पकड़ा गया।
  • 2017 में यूक्रेन की मॉडल डारिया मोलचंद नेपाल के रास्ते इंडिया आई, यहां सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगा।
  • 1991 में खालिस्तान एरिया फोर्स का डिप्टी कमांडर सुखबीर सिंह का भी नेपाल कनेक्शन मिला।
  • 1991 में नेपाल की बढ़नी सीमा पर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के भागा सिंह और अजमेर सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।
  • 1993 में आतंकी टाइगर मेमन पकड़ा गया।
  • 1995 में ISI एजेंट यासिया बेगम को भी पकड़ा गया।
  • 2000 में आसिम अली और चार आतंकी भी बार्डर एरिया से पकड़े गए।
  • 2002 में परसामलिक थाने के पास कारतूसों का जखीरा पकड़ा गया था जो कि बिहार के MCC उग्रवादियों ने नेपाल के माओवादियों के लिए भेजा था।
  • 2007 में लश्कर के आतंकी सादात रशीद मसूद आलम की गिरफ्तारी हुई।
  • 2009 में मुंबई के आतंकी नूरबक्श और इश्तियाक उर्फ शैतान की गिरफ्तारी हुई।
  • 2013 में आतंकी लियाकत अली शाह की गिरफ्तारी हुई।
  • 2013 में आतंकी हमलों में 140 लोगों की हत्या के आरोपी और मोस्ट वॉन्टेड आंतकवादी यासीन भटकल की गिरफ्तारी हुई।
  • अब्दुल करीम टुंडा को भी उत्तराखंड में नेपाल की खुली सीमा पर ही गिरफ्तार किया गया था।