ट्रम्प के घर से मिले न्यूक्लियर डॉक्यूमेंट्स: US टॉप सीक्रेट ऑपरेशन्स से जुड़े दस्तावेज भी बरामद

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(www.arya-tv.com)   अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के घर पर हुई फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है। FBI एजेंट्स को दूसरे देशों की मिलिट्री और न्यूक्लियर केपेबिलिटी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स मिले हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, FBI एजेंट्स को यहां से अमेरिका के टॉप सीक्रेट ऑपरेशन्स से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। इन डॉक्यूमेंट्स के बारे में सीनियर नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स को भी जानकारी नहीं थी। सिर्फ प्रेसिडेंट ट्रम्प और उनके कुछ करीबी ही इस स्पेशल-एक्सेस प्रोग्राम के बारे में जानते थे। इन्हें पूरी सेफ्टी के साथ बंद दरवाजे के पीछे रखा जाता था। ऑफिसर्स को भी इन्हें एक्सेस करने के लिए स्पेशल क्लियरेंस दी जाती थी।

ट्रम्प ने बाइडेन की पार्टी पर लगाए आरोप
ट्रम्प के दो करीबियों ने बताया कि यह रेड बिना किसी नोटिस के की गई। जिस वक्त एजेंट्स ने छापा मारा, उस वक्त खुद ट्रम्प वहां नहीं थे। माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया कि ट्रम्प छापेमारी को प्रभावित कर सकते थे और इसको राजनीतिक मुद्दा बना सकते थे। खुद डोनाल्ड ट्रम्प ने इस रेड की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि डेमाक्रेट्स की ये पूरी कवायद उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने की है।

डोनाल्ड ट्रंप के घरों पर FBI ने छापा क्यों मारा?
CBS न्यूज ने कहा है कि मार-ए-लीगो में FBI की रेड अमेरिका के नेशनल आर्काइव्स रिकॉर्ड यानी अमेरिका की सरकारी एजेंसी के रख-रखाव की जांच से जुड़ी है। इस एजेंसी के पास राष्ट्रपति से रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है। आरोप है कि ट्रम्प ने जब पिछले साल व्हाइट हाउस छोड़ा था, तब वो कई डॉक्यूमेंट्स अपने साथ ले गए थे। कई बड़े बॉक्स में यह डॉक्यूमेंट्स मार-ए-लीगो ले जाए गए थे। इसके बाद से ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियां ट्रम्प और उनके करीबियों पर नजर रख रहीं थीं।

टॉयलेट में फ्लश कर देते थे डॉक्यूमेंट्स
कुछ महीने पहले ट्रम्प पर आरोप लगा था कि वे राष्ट्रपति पद पर रहते हुए आधिकारिक दस्तावेजों को फाड़ कर फ्लश कर देते थे। ट्रम्प ने इतने ज्यादा कागजों को फ्लश किया कि इसकी वजह से व्हाइट हाउस का टॉयलेट ही चोक हो गया था। नेशनल आर्काइव चाहता है कि पूर्व राष्ट्रपति की दूसरे मामलों के साथ कागज फाड़ने की आदत की भी जांच की जाए।

न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार मैगी हैबरमैन ने अपनी किताब ‘कॉन्फिडेंस मैन’ में इस मामले पर जानकारी दी थी। किताब के मुताबिक, व्हाइट हाउस के कर्मचारियों ने यह देखा कि कागज की वजह से टॉयलेट चोक हो गया था। जिसके बाद यह माना गया कि ट्रम्प ने दस्तावेजों को फ्लश किया।