ठंड बढ़ने के कारण बढ़ी सांस रोगियों की परेशानी:अस्थमैटिक अटैक से कैसे बचें

# ## Health /Sanitation

(www.arya-tv.com)  यूपी में पारा तेजी से गिर रहा हैं और कड़ाके की ठंड के दस्तक देते ही हालात बेकाबू हो रहे हैं। प्रदेश में एहतियात की तौर पर कोहरा पड़ने पर रात 8 बजे के बाद परिवहन निगम की बसों के संचालन पर रोक लगाई गई हैं।

वही हेल्थ एक्सपर्ट्स भी हालात बिगड़ने से पहले ही सतर्क और सचेत रहने की बात कह रहे हैं। सबसे ज्यादा अलर्ट सांस के रोगियों को और आंखों की समस्या से के जूझ रहे मरीजों को किया जा रहा हैं। बुजुर्ग और छोटे बच्चों को भी सचेत रहने की बात कही जा रही हैं।

KGMU के रेस्पिरेटरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार कहते हैं कि हर साल ठंड बढ़ने के साथ सांस के रोगियों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। अस्थमा के मरीजों में अटैक के मामलों में भी इजाफा होता हैं। इस दौरान COPD मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं।

ब्रोंकाइटिस और पोस्ट कोविड के कारण लोगों में यह बीते वर्षों से ज्यादा असरकारक भी हो सकती है इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है। अस्थमैटिक अटैक आने पर इनहेलर का इस्तेमाल ज्यादा करें। जरूरत पड़ने पर आपातकालीन व्यवस्था में इनहेलर की कैपेसिटी को भी बढ़ा सकते हैं। डोज बढ़ाने की जरूरत हो तो भी इससे गुरेज न करें। इसके अलावा दवा का नियमित सेवन करें और इलाज इनहेलर की बढ़ोतरी की जा सकती है।

ऐसे करें मॉनिटरिंग –

सांस के रोगी – पल्स ऑक्सीमीटर और पीक फ्लो मीटर को अपने पास जरूर रखें,

– पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल को चेक करते रहे,

– पीक फ्लो मीटर से एयर स्पीडफ्लो लेवल को चेक और मेंटेन करते रखे। इनमें गिरावट होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

– कोहरे और सुबह ठंड में डायरेक्ट एक्सपोजर से बचें,

– दवाई लेते समय सचेत रहें,

– इनहेलर जरूर अपने साथ रखें

आंखों में भी बर्निंग सेंसेशन और रेडनेस का खतरा

KGMU के सीनियर आई स्पेशलिस्ट डॉ. अरुण शर्मा कहते हैं कि ठंड में आंखों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी हैं। खासतौर पर जब आप खुद ड्राइव कर रहें हो तो यह बेहद आवश्यक हो जाता हैं।

– 4 व्हीलर ड्राइव करने पर अच्छी विंडस्क्रीन आपको राहत देगी,

– वही 2 व्हीलर के लिए ज्यादा सचेत रहनी की जरूरत हैं,ऐसे लोग बाहर निकले तो प्रोटेक्टिव क्लास जरूर पहने,

– चश्मा लगाने वाले लोग चश्मा पहनकर ही निकलें,

– विजिबिलिटी कम होने पर आंखों पर जोर पड़ता हैं, इस दौरान आंख में पहले से कोई समस्या हैं तो अलर्टनेस ज्यादा जरूरी हैं,

– ध्यान रखें रेडनेस या बर्निंग सेंसेशन 5 घंटे से ज्यादा देर तक होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाए,

– सामान्य टेम्परेचर पर आने से पर आंखों को थोड़ा रेस्ट जरूर दें,

– ल्यूक वार्म वाटर से आंखों को धुले,

– साउंड स्लीप यानी पर्याप्त नींद जरूर लें

इन्हें खाए – आंखें रहेंगी ठंड में भी सुरक्षित

ऑरेंज,आंवला,सीजनल फ्रूट्स