पशुधन विभाग में 11 लाख का सैनिटाइजर 49 लाख रुपए में खरीदने की तैयारी

Lucknow

(www.arya-tv.com)राजधानी लखनऊ स्थित पशुधन विभाग में सैनिटाइजर खरीद के टेंडर में बड़ी गड़बड़ी नजर आ रही है। यहां 500 मिली की 25 हजार बोतल सैनिटाइजर सप्लाई के लिए तीन फर्मों का चयन ऑफलाइन तरीके से कर लिया गया। खास बात यह है कि यह खरीद महज 11 लाख में हो सकती थी, उसके लिए 38 लाख रुपए ज्यादा भुगतान कर 49 लाख में सप्लाई करने वालों का चयन किया गया है।

मामले में ऑन लाइन टेंडर डालने वाले एक फर्म मां दुर्गा मार्केटिंग के मालिक देव भट्‌टाचार्या ने प्रमुख सचिव उद्योग नवीनत सहगल से शिकायत की है। इसकी शिकायत स्मॉल इंडस्ट्री एंड मैनुफेकचर एसोसिएशन (SIMA) से भी की गई है। सीमा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने इसको लेकर नवीनत सहगल के पास मिलकर शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।

ऑफ लाइन वालों का किया गया चयन
दरअसल, विभाग ने सैनिटाइजर सप्लाई के लिए मई माह में टेंडर निकाला था। 6 जून को आखिरी टेंडर पड़ा। ऑनलाइन प्रक्रिया में 15 कंपनियां शामिल थी। सभी को रिजेक्ट किया गया। उसके अलावा 8 लोगों ने ऑफ लाइन टेंडर डाला। इसमें पांच लोगों को रिजेक्ट किया गया। लेकिन सबसे बड़ा खेल 45 मिनट के भीतर हुआ। 20 लोगों को रिजेक्ट करने के बाद तीन फर्म अभिनाश ट्रेडर्स, पारस इंटरप्राइजेज और जगदीश इंटरप्राइजेज ने ऑफ लाइन अप्लाइ किया। इन तीनों को सलेक्ट कर लिया गया है। यह तीन टेंडर महज 45 मिनट के अंतराल पर डाले गए हैं। इसमें सब के बीच 25 हजार रुपए का अंतर है। तीनों कंपनियों ने जो रेट लगाया गया है कि उसके हिसाब विभाग को 25 हजार बोतल यह लोग क्रमशः 49,25,000- , 49,50,000 और 49,75000 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। सबसे कम रेट 49,25,000 रुपए लगाया गया है। ऐसे में इनको टेंडर मिलने की संभावना सबसे ज्यादा है।

25 हजार बोतल का दाम 11,25,000 तक होना चाहिए
आरोप में यह भी कहा गया कि अगर बोतल की कीमत 45 रुपए भी लगाई जाती है तो लागत 11 लाख 25 हजार रुपए तक आएगा। ऐसे में 49 लाख 25 हजार रुपए का भुगतान सरकारी पैसे का बंदरबांट है। इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन तीन फर्म जिसका सलेक्शन किया गया है उन लोगों ने क्रमश 197, 198 और 199 रुपए का रेट लगाया है।

50 लाख रुपये अधिकतम रेट तय हुआ था
197 से 199 रुपए का रेट इसलिए लगाया गया है कि टेंडर की अधिकतम रेट 50 लाख रुपए थी। 50 लाख रुपए से ज्यादा का टेंडर ऑफ लाइन हो नहीं सकता था। ऐसे में कंपनियों ने अधिकतम रेट लगा दिया है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा कमिशन खाया जा सके।

500 से 600 रुपए के बीच 5 लीटर सैनिटाइजर है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?
इस मामले में पशुधन विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश प्रसाद वर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि टेंडर में किसने क्या रेट लगाया यह वह लोग नहीं देख सकते है। हालांकि कारण बताए बिना टेंडर कैंसिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि टेक्निकल गलती बताई गई है। लेकिन उसको विस्तार से उदाहरण के साथ नहीं बताया गया है। अब जिसका टेंडर कैंसिल किया जा रहा है, उनको यह भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने मामले में किसी भी तरह से भ्रष्टाचार से इंकार किया है। हालांकि 38 लाख रुपए के ज्यादा भुगतान पर वह जानकारी न होने की बात कर रहे हैं।