महात्मा बुद्ध की जीवन गाथा सुने अब 11 भाषाओं में, जाने कैसे

UP Varanasi Zone

वाराणसी।(www.arya-tv.com) महात्मा बुद्ध की जीवन गाथा अब 11 भाषाओं में सुन सकते है, उनके प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में, इसकी व्यवस्था हाल ही में शुरू किए गए गई लाइट एंड साउंड शो में की जाएगी। विदेशी बौद्ध धर्मावलंबियों और सैलानियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए पर्यटन विभाग यह प्रबंध करने जा रहा है।

इसके लिए पर्यटन विभाग ने कार्यदायी एजेंसी राजकीय निर्माण निगम की विद्युत इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर को पत्र लिखा है। इसमें यह भी आकलन करने को कहा गया है पहले चरण में किन देशों की भाषाओं के लिए हेडफोन सेट की व्यवस्था की जाए। इस संबंध में पर्यटन महानिदेशालय को भी प्रस्ताव भेज दिया गया है।

काशी, सारनाथ और बुद्ध के जीवन पर आधारित बनारस के पहले लाइट एंड साउंड शो का नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल लोकार्पण किया था। देव दीपावली पर 30 नवंबर को बनारस आने पर पीएम इसे देखने भी गए थे। दूसरे दिन शो देखने तय संख्या से तीन गुना सैलानी सारनाथ पहुंचे थे।

इसे देखते हुए पर्यटन विभाग ने विभिन्न देशों से आने वाले बौद्ध धर्मावलंबियों के लिहाज से खाका खींचना शुरू कर दिया है ताकि कोरोना काल खत्म होते ही जब विदेशी सैलानी आएं तो उन्हें भाषागत दिक्कतें न हों। फिलहाल धमेख स्तूप पर रोजाना शाम 7.30 बजे से दिखाए जा रहे शो में फिल्म अभिनेता बच्चन की आवाज ङ्क्षहदी में गूंजती है।

बनारस आने वाले विदेशी सैलानियों में 30 फीसद सारनाथ जाते ही हैैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक संख्या थाईलैैंड, बर्मा, जापान, कंबोडिया, भूटान, श्रीलंका, वियतनाम, लाओस और म्यांमार आदि देशों के सैलानियों की होती है। फिलहाल अंग्रेजी समेत इन देशों की भाषाओं में आवाज रिकार्ड की जाएगी।

अन्य स्मार्ट आटो लैैंग्वेज ट्रांसलेटर ईयर फोन आदि विकल्पों पर विचार हो रहा है। लाइट एंड साउंड शो देखने के लिए अभी देसी सैलानी आ रहे हैैं, लेकिन कोरोना काल खत्म होने या वैक्सीन आने के साथ विदेशी पर्यटक भी आएंगे। इसे देखते हुए अभी से प्रबंध किया जा रहा है ताकि बुद्ध को देखने-सुनने आनेे वाले सैलानियों को भाषागत दिक्कत न आए।