(www.arya-tv.com) उन्नाव। तहसील स्तर पर धरने के माध्यम से लड़ी लड़ाई बेअसर साबित होने के बाद लेखपालों ने लंबी तैयारी की है। शासन व प्रशासन की अनसुनी का शिकार लेखपाल शुक्रवार से 26 दिसंबर तक धरने पर रहेंगे। लेखपालों का कहना है कि यदि अब भी शासन नहीं चेतता है तो वह अपनी लड़ाई लखनऊ तक ले जाने से नहीं चूकेंगे। लेखपालों की मांग है कि उनकी आठ सूत्रीय मांगों को तरजीह देकर संबधित लाभ दिए जाएं। बरसात के कारण तय पूर्व स्थान से इतर बैठे चार सैकड़ा लेखपालों ने पहले दिन जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पैंतरे दिखाए।
शुक्रवार से मुख्यालय स्तर पर कलेक्ट्रेट के समीप लेखपालों का धरना प्रदर्शन तय था। इस बीच मौसम के बिगड़ने से सभी लेखपालों ने निराला प्रेक्षागृह को अपने धरने का अड्डा बनाया और यहां जोर जुर्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा लगाकर सरकार की अनदेखी पर तंज कसे। इस लड़ाई में सदर समेत बांगरमऊ, पुरवा, हसनगंज, सफीपुर, बीघापुर के सैकड़ों लेखपाल अपनी उपस्थित बनाए रहे।
धरने पर बैठे लेखपालों ने कहा कि वेतन विसंगति, पे-ग्रेड, भत्ता जैसी आठ सूत्रीय मांगों पर शासन बहरे की भूमिका मे है। जिसे लेखपाल कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। कहा कि शासन चाहे जितनी भी मनमानी कर ले मगर लेखपाल अपनी मांगों को पूरा कराए बिना पीछे हटने वाले नहीं है। सदर तहसील मंत्री सुधीर बाजपेई ने कहा कि इतनी महंगाई के दौर में सरकार लेखपालों को मामुली भत्ता दे रही है। इसके साथ दूसरी मांगों को पूरा करने में भी कंजूसी की जा रही है। कहा कि जब तक शासनादेश जारी नहीं होता है तब संघर्ष जारी रहेगा।
जिसे जिले से प्रदेश स्तर पर ले जाकर 27 दिसंबर को विधानसभा के सामने शुरू रखा जाएगा। धरने की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार व संचालन कृष्ण चन्द्र जिलामंत्री ने किया। इस दौरान पूर्व जिला अध्यक्ष महेन्द्र कुमार यादव, मंत्री रजनीश कुमार, रामपाल, साहेब लाल गुप्ता, मनोज कुमार, संयज कुमार, प्रेम शंकर, चन्द्रशेखर, उमेश कुमार, महेश कुमार, कुलदीप, आशीष, रामपाल, कमलेश, सुनीत, प्रमोद द्विवेदी, मनोज आदि रहे।