आगरा के कारसेवकों के सामने कोठारी बंधुओं को मारी गई थी गोली,आज भी जहन में दृश्य है ताजा

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(www.arya-tv.com) अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान प्रभु श्री राम गर्भ गृह में विराजमान होने जा रहे हैं. भगवान प्रभु श्री राम को गर्भ ग्रह तक पहुंचने में हजारों कारसेवकों ने अपनी प्राणों की आहुति दी है. उस समय आगरा के कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने कार सेवा की और अयोध्या गए. इन लोगों के जहन मेंवह पूरा दृश्यआज भी ताजा है. अब जब 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्री राम की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. तो अब यह कारसेवक उस समय की घटनाओं को याद कर अपने क़िस्से अपने परिवार जनों को सुना रहे हैं.

1990 के दशक में आगरा से लगभग 7 से 8 लोगों कार सेवा करने के लिए अयोध्या गए थे. इसमें आगरा कमला नगर के रहने वाले मोहनलाल खंडेलवाल, भैरव बाजार के रहने वाले देवेंद्र शर्मा और गुरु ,इसके अलावा शैलेंद्र बंसल ,लाल सिंह, पंकज राजा, सुभाष शर्मा, अजीत सिंह शामिल थे. ये लोग30 अक्टूबर 1990 को कार सेवा करने को अयोध्या के लिए रवाना हुए थे. वह आगरा के सिटी स्टेशन से अवध एक्सप्रेस में लखनऊ के लिए चढ़े. लखनऊ से यह सभी लोग अयोध्या के लिए निकले. लेकिन बीच रास्ते में ही पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. इनमें से मोहनलाल खंडेलवाल और देवेंद्र शर्मा जेल से भागने में कामयाब रहे.

जब आंखों के सामने कोठारी बंधुओं को मारी गोली
56 साल के मोहनलाल खंडेलवाल और 68 साल के देवेंद्र शर्मा यह वे दो लोग हैं. जो अयोध्या तक कार सेवा करने में सफल रहे थे. कमला नगर के रहने वाले मोहनलाल खंडेलवाल बताते हैं कि वह संघ के स्वयंसेवक थे और अपने मित्रों के साथ 30 अक्टूबर 1990 में कार सेवा करने के लिए निकले थे.लेकिन अयोध्या पहुंचने से पहले ही पुलिस उन्होंने गिरफ्तार कर लिया और खपडीह नामक जगहपर उन्हें एक अस्थाई जेल में बंद कर दिया गया. वह अपने मित्र देवेंद्र शर्मा के साथ उस जेल से भागने में कामयाब रहे. मोहन लाल बताते है कि वे 2 नवंबर को अयोध्या पहुंचे. उन्होंने बाबरी कूच ढांचा आंदोलन में हिस्सा लिया. इसी समय कार सेवकों की भीड़ पर अंधाधुंध पुलिस ने गोली चलाई. इसी गोली कांड में उनकी आंखों के सामने कोठारी बंधु को गोली लगी और शहीद हो गए.

अपने परिवार जनों को बड़े गर्व से सुनाते हैं कार सेवा के किस्से
68 साल की देवेंद्र शर्मा बताते हैं कि 34 साल पहले का किस्सा आज भी उनके जहनमें इस कदर ताजा है जैसे मानो कल की ही बात हो. आगरा से आठ लोगों की योजना कार सेवा के लिए बनी थी. पुलिस के डर से छुपाते छुपाते कई किलोमीटर पैदल चलते हुए वह अयोध्या कारसेवा करने में सफल हुए. जब पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाई तब वे वहां मौजूद थे. उनकी आंखों के सामने आंसू गैस के गोले दागे गए. कोठारी बंधुओं  को गोली मारी गई.अब छोटे भाई को गोली लगी और जब बड़ा भाईबचा रहा था तो पुलिस की एक गोली बड़े भाई को भी लगी और दोनों कोठारी बंधु वही शहीद हो गए . उन्होंने भी यहां से भाग कर जान बचाई.

22 तारीख को मनाएंगे उत्सव
मोहनलाल खंडेलवाल और देवेंद्र शर्मा बताते हैं कि 500 सालों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया और अयोध्या में भगवान प्रभु श्री राम वनवास काटकर फिर लौट आये हैं. 22 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा होनी है. उनका सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है. उनके जीते जी प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है इससे गौरवशाली दूसरी कोई बात नहीं हो सकती .22 तारीख को वह भंडारा करेंगे, दिए जलाएंगे और दीवाली मनाएंगे.

सुनकर होता है गर्व
मोहन खंडेलवाल और देवेंद्र शर्मा जब अपने घरों में कार सेवा के किस्से सुनाते हैं तो उनके परिवारजनों व बच्चों को अपने पिता पर गर्व होता है. मोहन खंडेलवाल की बेटी सुरभि बताती हैं कि हमें पिताजी अयोध्या में की गई कारसेवा के किस्से सुनाते हैं, तो बेहद अच्छा लगता है. हमें फ़क्र महसूस होता है कि हमारे पिताजी का भी छोटा सा योगदान राम मंदिर निर्माण में रहा है. वही देवेंद्र शर्मा के पुत्र शुभम शर्मा बताते हैं कि 34 साल पहले पिताजी के द्वारा की गयी कार सेवा के क़िस्से अपने दोस्तों को गर्व से सुनाते है. खुद उन्हें अपने पिता पर गर्व है. उससे कहीं ज्यादा 22 जनवरी का इंतजार है. जब वह प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अपने घरों में दिए जलाएंगे और दीपावली मनाएंगे. आखिरकार उनके पिता का भी राम मंदिर निर्माण में छोटा सा अंश मात्र हिस्सा है.