वैष्णो देवी यात्रा पर भी पड़ा भारत-पाक तनाव का असर, कितनी कम हो गई भक्तों की संख्या?

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भारत और पाकिस्तान के तनाव का असर श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा पर भी पड़ा है. आमतौर पर इन दिनों में यात्रियों से गुलजार रहने वाले कटरा मार्ग पर लोगों की संख्या में गिरावट आई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो इस महीने की 6 तारीख को देशभर से 12917 यात्री आए थ, जबकि स्ट्राइक वाले दिन यानी 7 मई को 12760 यात्री माता के दर्शनों के लिए से कटरा पहुंचे.

वहीं, स्ट्राइक के बाद 8 मई को 8670, 9 तारीख को 3962, 10 मई को 1352, 11 मई को 1303, 12 मई को 1658 और 13 मई को 2808 श्रद्धालु ही माता के दर्शन करने पहुंचे.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद कम हुई संख्या, सीजफायर के बाद बढ़ी
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा पहुंचे श्रद्धालुओं का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी के बाद उन्होंने अपने टिकट रद्द करवा दिए थे. हालांकि, जैसे ही पाकिस्तान घुटने टेक कर सीजफायर पर आया तो उन्होंने दोबारा अपनी टिकट करवाई और बच्चों के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंच गए.

मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं से अपील
इन श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें भारतीय सेना और भारत सरकार पर पूरा भरोसा है. बेशक कटरा आने वाली ट्रेनें या कटरा शहर खाली है, लेकिन माता का दरबार खाली नहीं होना चाहिए. इन श्रद्धालुओं का दावा है कि उन्हें माता का बुलावा आया था, इसलिए वह मां वैष्णो के दर्शन के लिए आ गए. इन भक्तों ने पूरे देश में माता के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर माता वैष्णो देवी के दर्शन करें.

तनाव के बाद भी टिकट नहीं कराया कैंसिल
वहीं, बेंगलुरु से आए कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुई तनातनी से पहले ही अपने टिकट करवा लिए थे लेकिन जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालत बिगड़ गए तो उन्होंने अपना टिकट कैंसिल नहीं करवाया. उनके मुताबिक उन्हें भारतीय सेना पर भरोसा है और वह माता के दर्शन किसी भी हाल में करने आएंगे.