जालंधर: उपचुनाव में पोलिंग एजेंटों को लेकर सियासी बवाल, भाजपा ने चुनाव आयोग और DC से शिकायत की

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(www.arya-tv.com) जालंधर के लोकसभा उपचुनाव में पोलिंग एजेंटों को लेकर सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस और भाजपा ने कुछ फोटो जारी की हैं, जिसमें दावा किया कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां पर बाहर से कार्यकर्ता बुलाकर यहां पोलिंग एजेंट बना रखे हैं।

वहीं आम आदमी पार्टी सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि विरोधी पार्टियों को पोलिंग एजेंट नहीं मिल रहे हैं। उनके बूथ खाली पड़े हुए हैं। इसको लेकर भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि इस बारे में चुनाव आयोग और जालंधर के DC को भी शिकायत भेज दी है।

कांग्रेस कैंडिडेट कर्मजीत कौर चौधरी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग को भेजी। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई है। अब पूरे जिले में अनाउंसमेंट कर बाहरी लोगों को जिला छोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। पुलिस कह रही है कि अगर वे जिला नहीं छोड़ेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जालंधर कैंट से कांग्रेस MLA प्रगट सिंह ने बूथ पर बैठे बलजीत चंद शर्मा की फोटो शेयर की है। उन्होंने दावा किया कि बलजीत को आदमपुर के बूथ नंबर 85 में पोलिंग एजेंट बनाया गया है, जबकि बलजीत डेरा बस्सी से आम आदमी पार्टी का ब्लॉक प्रधान है।

इसी तरह आशीष नैय्यर पटियाला है लेकिन उसे जालंधर सेंट्रल के बूथ नंबर 83 में पोलिंग एजेंट बनाया गया है। बठिंडा के रामपुराफूल के शेर बहादुर सिंह को फिल्लौर में बूथ नंबर 150 पर इंचार्ज बनाया गया है।

प्रगट सिंह ने कहा कि चुनावों में इस तरह की गुंडागर्दी कभी नहीं हुई। जालंधर में उन्हें पोलिंग बूथ इंचार्ज तक नहीं मिले। बठिंडा के लोगों को गैरकानूनी ढंग से फिल्लौर में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि खुद को कट्‌टर ईमानदार कहने वालों का यह हाल है।

फिल्लौर से कांग्रेस MLA विक्रमजीत चौधरी सोशल मीडिया पर वीडियो डाली है। जिसमें कथित तौर पर आम आदमी पार्टी के बाहरी नेताओं को पकड़ा गया है। हालांकि वे दावा कर रहे हैं कि यहां चुनाव में नहीं बल्कि बीज लेने आए थे। कांग्रेस का आरोप है कि ये बाहरी लोग हैं, जो यहां AAP के लिए काम करने आए हैं।

आदमपुर में पूर्व अकाली MLA पवन टीनू ने आरोप लगाया कि यहां पोलिंग बूथ में अटारी से आए आम आदमी पार्टी के वर्कर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोकल कोई भी बैठे, हमें कोई एतराज नहीं है। चुनाव आयोग के ही नियम है कि कोई बाहरी व्यक्ति नहीं आ सकता। इसके बावजूद ये सब हो रहा है। ऐसे में क्या यह फ्री एंड फेयर इलेक्शन है?।