पहला क्रिकेट विशव कप जीते आज 37 साल हो गाए है, इस रेडियों से सुनी भी कमेंट्री आज भी बजता है

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प्रयागराज।(www.arya-tv.com) आज ही के दिन (25 जून) 1983 में क्रिकेट का विश्व कप जीतकर भारत ने दुनिया को चौंका दिया था। रोमांच से भर देने वाली यह खबर जिस रेडियो से सुनी थी, उसे क्रिकेट प्रेमी अजय यादव ने आज भी संजो कर रखा है। वह अब क्रिकेट के कोच हैैं। क्रिकेट कोच अजय यादव ने बताया कि वह रेडियो अभी भी बजता है। हां, आवाज जरूर थोड़ा खरखराती है। इक्का दुक्का घरों में ही टेलीविजन (टीवी)आया था। एक रेडियो से पूरा मोहल्ला कमेंट्री सुन रहा था।

पहला विश्व कप लाए 37 साल हो गए। उसे देखने-सुनने वाले अब बुजुर्ग या अधेड़ हो चले हैं, लेकिन उस विश्व कप की बात सुनते ही रोमांच से भर उठते हैैं। 62 वर्ष के हो चुके अंतरराष्ट्रीय कमेंट्रेटर इफ्तिखार अहमद उर्फ पापू ने जुगाड़ से टीवी में मैच देखा था। तब कुछ ही लोगों के पास टीवी था। यहां सिविल लाइंस स्थित बीएसएनएल टॉवर से दिल्ली-कोलकाता के लिए दूरदर्शन का प्रसारण होता था। उसके लिए बीएसएनएल परिसर में एक टीवी स्क्रीन लगी था। वहां किसी की इंट्री नहीं थी। वह अपने एक परिचित के जरिए वहां घुस गए और पूरे मैच का आनंद लिया।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में क्रिकेट कोच देवेश मिश्रा तो टीवी पर मैच देखने कानपुर पहुंच गए। वहां इनके मित्र की बहन के घर टीवी थी। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी कर 183 रन बनाए। इतने कम रन, उम्मीद छोड़ दिए थे कि भारत जीतेगा। सोचे कि अब मैच नहीं देखेंगे और घर जाएंगे, लेकिन सबने रोक लिया तो बैठ गए देखने। कपिल देव, सुनील गावस्कर, बलविंदर सिंह सिंधू, सैय्यद किरमानी ने ऐसा प्रदर्शन किया कि भारत दुनिया में छा गया।

खेल विभाग में कोच परवेज आलम ने पूरा मैच रेडियो पर सुना। बोले, वेस्टइंडीज की तूफानी गेंदबाजी के आगे भारतीय टीम 183 रन ही बना सकी। वेस्टइंडीज के लिए आसान सा लक्ष्य था, लेकिन क्या गजब खेली भारतीय टीम। वेस्टइंडीज को 140 रन पर समेट दिया था। जीत के बाद तो ऐसा जश्न मना कि देश भर मेें क्रिकेट छा गया। केएन काटजू इंटर कालेज में क्रिकेट कोच अजय यादव अपने पिता के साथ रेडियो पर क्रिकेट मैच सुने थे। उसी के बाद क्रिकेट की ओर रुझान हुआ और अब कोच बन गए। वह रेडियो निशानी के तौर पर आज भी रखे हैैं।