विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत
- इजरायल द्वारा सफेद फास्फोरस के बमों का प्रयोग
अब यह सुनने में आ रहा है कि इजरायल द्वारा बमों में और मिसाइल के द्वारा सफेद फास्फोरस का प्रयोग किया जा रहा है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार इस तरीके के बमों का प्रयोग नहीं कर सकते किंतु अपने नागरिकों की हमास द्वारा निश्रंस हत्या के कारण, गर्भवती महिलाओं के गर्भ को फाड़कर नवजात बच्चे को मरता छोड़कर हत्या के मामले, स्त्रियों, बच्चों को बलात्कार करना और जिंदा जला देना। जैसे अमानवीय कृत इसराइल को किसी भी सीमा तक जाने के लिए पर्याप्त है।
जिस भारतीय महाभारत में युद्ध के नियमों को तोड़कर अभिमन्यु की हत्या की गई थी और यह दर्शा दिया गया था कि कौरव किसी भी प्रकार की मर्यादा को तोड़ने में संकोच नहीं करेंगे। इस कारण श्री कृष्ण ने कई जगह मर्यादा को तोड़कर कौरवों का वध कराया। कुछ इसी भांति क्योंकि हमास में सभी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय नियम और मानवीय मूल्यों को ध्वस्त कर इसराइल के ऊपर आतंकवादी हमला किया इस कारण अब इसराइल भी किसी भी अंतर्राष्ट्रीय नियम को या मानवीय मूल्य को मानने के लिए तैयार नहीं है और इस पर कोई भी कुछ नहीं कर सकता।
सफेद फास्फोरस के बम बंकरों के आसपास बरसाए जाने के कारण वहां की ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और बकरों में छिपे आतंकवादी निश्चित रूप से काल के ग्रास हो जाएंगे। दूसरी बात फास्फोरस की अग्नि पानी से नहीं बुझ सकती। पानी में यह और अधिक विस्फोटक हो जाता है और दूर-दूर तक अग्निकांड कर तबाही कर सकता है। इस कारण सफेद फास्फोरस की बिक्री भी कई देशों में बैन है।
अब देखना यह है कि इसराइल हमास को गाजा पट्टी से भगाने के लिए और दुश्मनों को जहन्नुम में भेजने के लिए किस सीमा तक जाएगा यह तो आने वाले समय की गर्त में छुपा हुआ है।