क्या भारत पर दबाव बना रहा अमेरिका, पीएम मोदी के वाशिंगटन दौरे से पहले ड्रोन सौदे पर लग सकती है मुहर

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(www.arya-tv.com) पीएम मोदी के वाशिंगटन दौर से पहले भारतीय रक्षा मंत्रालय अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन के सौदे पर मुहर लगा सकता है। बता दें कि पिछले कई सालों से इस डील को लेकर काम किया जा रहा है।

सरकारी सूत्रों के हवाले जानकारी मिली है कि समय से अटकी हुई इस डील को 15 जून को होने वाली बैठक के बाद आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए अमेरिका की तरफ से भी लगातार कोशिशें हो रही हैं. रक्षा मंत्रालय की ये बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 से 24 जून तक अमेरिका दौरे से ठीक पहले हो रही है। जिसमें कई रक्षा सौदों को लेकर चर्चा हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर इस महीने अमेरिका की राजकीय यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की चार दिवसीय यात्रा 21 जून से शुरू होगी। बाइडन दंपती 22 जून को राजकीय भोज पर भारतीय प्रधानमंत्री की मेजबानी करेंगे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की तरफ से पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले रक्षा सौदों की मंजूरी का दबाव बनाया जा रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पेंटागन और व्हाइट हाउस की तरफ से भारत को रक्षा सौदों में प्रोग्रेस के लिए कहा गया है। जिसमें फिलहाल सबसे ज्यादा फोकस प्रीडेटर हाई-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस ड्रोन पर है।

क्या है अमेरिकी ड्रोन की खासियत
अमेरिकी ड्रोन – MQ-9B SeaGuardian को अमेरिकी रक्षा कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया है। इस ड्रोन की खासियत है कि ये काफी सटीक निशाना साधता है और दुश्मन को जब तक भनक लगती है, तब तक ये अपना काम कर चुका होता है। इस ड्रोन में ऐसी मिसाइल फिट की जाती है, जिससे किसी भी छोटे से छोटे टारगेट को तबाह किया जा सकता है।

अमेरिका ने हाल ही में इसी तरह के ड्रोन का इस्तेमाल कर अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी पर हमला किया था और उसे मार गिराया था। इसके अलावा ये ड्रोन ऊंचाई वाले इलाकों में निगरानी रखने के लिए भी काफी कारगर है।