RTI से मिली जानकारी, लॉकडाउन के दौरान यूपी में खर्च हुआ इतना पैसा

# ## Lucknow UP
Suyash Mishra

Lucknow. कोरोना (corona)का कहर पूरी दुनिया देख रही है। भारत भी इससे बेहाल है। बड़े बड़े सार्मथ्यवान और शक्तिशाली देश भी इसके सामने नतमस्तक हैं। कोरोना को लेकर केंद्र व राज्य सरकारें लगातार प्रयास और बड़े बड़े दावे कर रही हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां जमीनी हकीकत क्या है इस रिपोर्ट में देखिए।

कोरोना से उत्तर प्रदेश का हाल बेहाल है यहां कोरोना मरीजों की संख्या ढाई लाख के पार हो चुकी है। अब हर दिन पांच हजार से ज्यादा कोरोना केस (corona case) मिल रहे हैं। गुरुवार को 24 घंटे के भीतर कोरोना के 5,776 नए मामले सामने आए हैं। राजधानी लखनऊ का हाल तो बहुत ही खराब है। पिछले दिनों यहां एक दिन में 999 मरीज सामने आए थे। उत्तर प्रदेश(uttar pradesh) में अब तक 3 हजार 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लखनऊ में बेतहाशा बढ़ रहे मरीजों के चलते न एंबुलेंस (ambulance)मिल रही और न ही बेड।

कोरोना से पीड़ित पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार अमृत दुबे(amrit dubey) डेढ़ घंटे तक एबुलेंस का इंतजार करते रहे। लेकिन उन्हें लेने कोई नहीं आया। लखनऊ जिलाधिकारी(dm lucknow) से लेकर कई वरिष्ठ जिम्मेदारों तक को इसकी जानकारी दी गई लेकिन कुछ नहीं हुआ और बिना इलाज के वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए। मिनिस्टर स्वर्गीय चेतन चौहान (Minister Chetan Singh Chauhan)को लेकर सपा एमएलसी (Sapa MLC Sunil Singh Sajan)के आरोपों का वीडियो तो आप सभी देख ही चुके होंगे।

वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम दीक्षित(Radhe Shyam dixit) के साथ भी पिछले दिनों सिर्फ इसलिए अभद्रता हुई क्योंकि उन्होंने अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर आवाज उठा दी। उन्हें अस्पताल से निकालकर बाहर फेंक दिया गया। ऐसे तमाम उदाहरण बानगी मात्र हैं हद तो तब हो जाती है जब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को ये तक नहीं पता होता है कि देश में कोविड 19 के अस्पताल कहां कहां हैं। जी हां आईटीआई एक्टिविस्ट पवन अग्रवाल ने इस बात का खुलासा किया है। पवन ने 3 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना मांगी थी कि 22 मार्च के बाद कोविड 19 के उपचार के लिए किन किन अस्पतालों को मान्यता एवं स्वीकृति दी गई है।

  • क्या आपको पता है कि प्रदेश में प्रतिदिन डेढ़ करोड़ रुपए सैनेटाइजेशन, थर्मल स्कैनिंग व एन 95 मास्क के लिए खर्च किए गए हैं। 22 मार्च से 27 मई तक कुल 8650 लाख रुपए यूपी के सभी जिलों में खर्च किए गए हैं। आपको कितने मिले हमें कमेंट बताएं।
  • लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरोें और गरीबों को प्रतिदिन पौने 4 करोड़ का भोजन कराया गया है। प्रदेश सरकार ने 249 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट भी जारी किया है। इसमें सबसे ज्यादा 780 लाख रुपए सीएम के गृह जनपद गोरखपुर में खर्च किए गए हैं।
  • हद तो तब हो जाती है जब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को ये तक नहीं पता होता है कि देश में कोविड 19 के अस्पताल कहां कहां हैं।
  • क्या आपको पता है कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में प्रतिदिन डेढ़ करोड़ रुपए सैनेटाइजेशन, थर्मल स्कैनिंग व एन 95 मास्क के लिए खर्च किए गए हैं।
  • लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरोें और गरीबों को प्रतिदिन पौने 4 करोड़ का भोजन कराया गया है। प्रदेश सरकार ने 249 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट भी जारी किया है। इसमें सबसे ज्यादा 780 लाख रुपए सीएम के गृह जनपद गोरखपुर में खर्च किए गए हैं।

कोरोना में आपके लिए कौन कितना संजीदा है इसकी बानगी आप देख चुके हैं इसलिए सतर्क रहें। घर से कम निकली। अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी खुद की है।

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