रेलवे फिर शुरू करेगा प्लेटफार्म वेंडिंग की सुविधा

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(www.arya-tv.com) भारतीय रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को आसानी से चाय और खाना मिल सकेगा। वेंडर भी खुलकर यात्रियों को चाय और खानपान का सामान देंगे। लेकिन स्टेशन पर घूमने वाले स्टॉल संचालक को वेंडर लाइसेंस फीस देनी होगी। स्टेशनों पर यात्रियों को आसानी से चाय और खाना मिल सकेगा। वेंडर भी खुलकर यात्रियों को चाय और खानपान का सामान दे सकेंगे। लेकिन स्टेशन पर घूमने वाले स्टॉल संचालक को वेंडर लाइसेंस फीस जमा करनी होगी।

रेलवे की नई केटरिंग व्यवस्था दस अक्तूबर से लागू होगी। स्टॉल संचालक दो से अधिकतम चार वेंडर तक रख सकेगा। संचालक को लाइसेंस फीस का पांच फीसदी फीस जमा करनी होगी।2017 से बंद रेलवे में केटरिंग पॉलिसी अब नए सिरे से बहाल हो रही है। इसका फायदा यात्री और रेलवे दोनों को होगा। अब तक बिना लाइसेंस के सामान बेचते पकड़े जाने पर रेलवे स्टॉल संचालकों पर जुर्माना लगाता था। संचालकों को रेलवे ने अपने वेंडर के जरिए सामान बिकवाने का मौका दिया है। नई व्यवस्था के तहत संचालकों को वेंडरों की लाइसेंस फीस जमा करनी होगी। स्टॉल संचालक दो से अधिकतम चार वेंडर रख सकेगा। मुरादाबाद में बीस केटरिंग स्टॉल है। रेलवे सभी संचालकों को कारोबार बढ़ाने के लिए नीति लेकर आया है। हालांकि इसका सीधा आर्थिक लाभ रेलवे को होगा।

केटरिंग के ठेके के साथ रेलवे को लाइसेंस फीस के तौर पर अतिरिक्त सालाना कमाई होगी। अनुमान है कि रेलवे को एक वेंडर से साठ हजार से लेकर एक लाख 40 हजार रुपये तक फीस मिलेगी। सालाना करीब चालीस लाख रुपये का राजस्व मिलेगा। केटरिंग व्यवस्था से यात्री को फायदा मिलेगा। यात्री को स्टेशन पर स्टॉल के लिए नहीं भटकना होगा। अभी तक स्टेशन पर स्टॉल के दूर होने से यात्री खाने पीने का सामान नहीं ले पाता। पर अब स्टॉल वेंडर हर यात्री तक पहुंचेंगा।

सीनियर डीसीएम, सुधीर सिंह ने कहा कि प्लेटफार्म वेंडिंग सोमवार से शुरु किए जाने की योजना है। वेंडिंग के लिए संचालक को लाइसेंस फीस देनी होगी। एक स्टॉल के लिए दो व अधिकतम चार वेंडरों के लाइसेंस जारी किए जाएंगे। व्यवस्था को पांच साल पहले बंद कर दिया गया था। पर अब दोबारा से इसे शुरु किया जा रहा है।