(www.arya-tv.com) भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार शनिवार को दक्षिण चीन सागर में एक मिलिट्री बेस पर वियतनामी नौसेना को एक ऑपरेशनल स्वदेशी जंगी जहाज ‘कृपाण’ उपहार में देंगे। माना जा रहा है कि इस कदम से भारत चीन को उसी के घर में घेरने में सक्षम होगा।
अन्य पड़ोसियों की तरह चीन का वियतनाम के साथ भी जमीन को लेकर विवाद है। वियतनाम की उत्तरी सीमा चीन से लगती है और इसके पूर्व में दक्षिण चीन सागर है। भारत और वियतनाम के संबंध सौहार्दपूर्ण हैं क्योंकि 1979 के चीन-वियतनाम युद्ध में भारत ने वियतनाम की मदद की थी, जिसके चलते चीन को पटखनी का सामना करना पड़ा था।
भारत की रणनीति चीन की तरह कभी विस्तारवाद की नहीं रही है लेकिन बेकाबू होते ड्रैगन को घेरने में वियतनाम को उपहार में दिया जाने वाला आईएनएस कृपाण काम आ सकता है, ऐसी उम्मीद की जा रही है।
बता दें कि स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल से लैस कार्वेट (छोटा जंगी जहाज) आईएनएस कृपाण 8 जुलाई को कैम रन्ह अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंचा था और वियतनामी पीपुल्स नेवी ने इसका स्वागत किया था। भारत से वियतनाम तक की आखिरी यात्रा में इस जंगी जहाज में तिरंगा शान से लहरा रहा था।
एक रिपोर्ट में शीर्ष अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि युद्धपोत वियतनाम के नौसैनिक अड्डे पर पहुंच रहा है। वहां पहले इसे भारतीय नौसेना से सेवामुक्त किया जाएगा। इसके बाद नेवी चीफ ए़डमिरल आर हरि कुमार इसे वियतनामी नौसेना को सौंप देंगे।
आईएनएस कृपाण तीसरी स्वदेश निर्मित खुखरी कैटेगरी की मिसाइल कार्वेट है। यह ढेरों हथियारों और सेंसरों से लैस है। इसे अब तक कई अभियानगत और मानवीय सहायता कार्यों में शामिल किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, एडमिरल आर हरि कुमार हाई फोंग स्थित वियतनाम पीपुल्स नेवी के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे और वाइस एडमिरल ट्रान थान नघिएम, सीआईएनसी, वियतनाम पीपुल्स नेवी के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। वह वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री से मुलाकात भी करेंगे।