आर्मी कमांडर्स की अगली बैठक में रखे जाएंगे सभी अनसुलझे मुद्दे

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(www.arya-tv.com)भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी काउंटरपार्ट वांग यी ने बुधवार को ताजिकिस्तान में मुलाकात की। लद्दाख से करीब 920 किमी दूर दुशांबे शहर में एक घंटे चली इस मीटिंग में वेस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चल रहे विवाद को सुलझाने पर बात हुई।

दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि आर्मी कमांडर्स की अगली बैठक में बचे रह गए सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। साथ ही आपसी सहमति से ऐसे समाधान की तलाश करनी चाहिए, जो दोनों पक्षों का मंजूर हो। इस बात पर भी सहमति बनी कि कोई भी पक्ष ऐसा एकतरफा कदम नहीं उठाएगा, जिससे तनाव बढ़ सके।

SCO की मीटिंग से अलग मुलाकात
जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की काउंसिल और अफगानिस्तान पर SCO संपर्क समूह की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए ताजिकिस्तान में हैं। चीनी विदेश मंत्री से उनकी मीटिंग SCO से अलग रखी गई थी। इसमें विदेश मंत्री ने दोहराया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि मौजूदा स्थिति को लंबा खींचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। यह संबंधों को गलत तरीके से प्रभावित कर रहा है।

जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद है कि वेस्टर्न लद्दाख में LAC के साथ बाकी मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम किया जाए। साथ ही द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन हो। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी दी।

पिछले साल मई से तनाव बरकरार
भारत और चीने के बीच लद्दाख में पिछली साल मई से तनाव चल रहा है। इसी दौरान गलवान में भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी भी उनकी सही संख्या नहीं बताई।

कुछ इलाकों से सैनिक हटे, अभी विवाद बाकी
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्षों की कई दौर की बातचीत के बाद इसी साल फरवरी में विवादित सीमा के पास कुछ इलाकों से अपनी सेनाएं और सैन्य साजोसामान वापस बुला रहे हैं। दोनों पक्षों ने पहले पैंगोंग त्सो के आसपास अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया, लेकिन पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे क्षेत्र अभी तनाव के हालात से बाहर नहीं निकले हैं।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात की
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान ने कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है, कई जगहों से अफगान आर्मी और तालिबान के टकराव की खबरें भी आई हैं। इसी बीच दुशांबे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमर से मुलाकात की। दोनों के बीच पॉलिटिकल, सिक्योरिटी और शांति प्रक्रिया पर चर्चा हुई।

50 डिप्लोमैट्स को वापस बुलाया
यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब तालिबान अफगानिस्तान के अधिकतर इलाकों को तेजी से अपने कंट्रोल में ले रहा है। पूरी दुनिया इस वक्त मामले को गंभीरता से ले रही है। भारत ने अफगान फोर्सेस और तालिबान के बीच जंग के मद्देनजर कंधार स्थित अपने वाणिज्य दूतावास से लगभग 50 राजनयिकों एवं सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया था।