रामचरित के सागर में डूब जाने को आतुर हो रहे दर्शनार्थी राम भजनों से मुदित है राम भक्त

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(www.Arya Tv .Com) अयोध्या भजन संध्या स्थल पर संस्कृति विभाग द्वारा संचालित रामोत्सव में अयोध्या आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु अपनी नित्य हाजिरी लगा रहे हैं।
देश के गुणीं कलाकार नित्य प्रति दिन प्रभु श्री राम के सुंदर भजनों,बधाई गीतों, जनकपुर की गारी, चैती,सोहर,आदि अनेक सुर लहरों से राम जी के चरणों को शिखर का स्पर्श दे रहे हैं।
आज अपना भजन पुष्प अर्पित करते नेहां सिंह ने प्रेम मुदित मन से कहो,राजा दशरथ जी के घर मा आज जन्में ललनवा,सजा दो घर को गुलशन सा मेरे प्रभु राम आये हैं गाया तो सरयू तीरे बसा भजन संध्या स्थल भक्ति भाव में मगन हो गया।

राम जी के दीहल केहू केतना चोराई-अनिल त्रिपाठी

गौरतलब  है कि लखनऊ से पधारे ओजस्वी वाणी के गायक अनिल त्रिपाठी ने भी भगवान के चरित्र का बखूबी वर्णन अपनी गायकी में करते  हुए श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने रामजी के दीहल केहू केतना चुराई, भक्ति भाव से हाथ जोड़कर उन्हें बुला ले रे जैसे भावपूर्ण भजनों को हृदय से गाया उनसे दर्शक सीधे अंत तक जुड़े रहे। इसी क्रम में मगन मिश्र ने दो भजन सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया
साथ ही अगली प्रस्तुति में बिहार में जन्मी कार्य क्षेत्र काशी से पधारी मंदाकिनी मिश्रा ने भी आकर्षक सुरों की वर्षा में राम भक्तों को जीभर कर आनंद से सराबोर कर दिया। उन्होंने सांवला सरकार हंसते हंसते आया, फूलों में सजके राघव जी सरकार आ गये हैं,मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार राघवजी जैसे भजनों
को अपना सुरीला स्वर दिया।

श्री राम की एक झलक पाने को आतुर अयोध्या आये रामभक्तों पर बरसी संगीत मयी वर्षा

संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशासी कमलेश कुमार पाठक के सुव्यवस्थित मार्गदर्शन में आज पधारे गुणीं गायकों का श्रीराम दरबार उकेरित सुंदर स्मृति चिन्ह संस्कृति विभाग की ओर से मानस तिवारी, विश्व प्रकाश “रूपन” वैभव मिश्र व अमित मिश्रा ने प्रदान किया।
आकाशवाणी, दूरदर्शन के सूचीबद्ध स्थापित संगतकारों मनोज कुमार मिश्र, मगन मिश्रा, दिलीप कुमार, राजकुमार, श्याम जी मिश्र,पंकज कुमार मिश्र, मोहित सिंह,कौशल मिश्र, बीरबल कुमार, सुमित राठौर, शंभू कुमार, जयप्रकाश कुमार, निरंजन कुमार, ने इन कलाकारों के साथ वाद्यों पर सांगत की  संपूर्ण मंचीय कार्यक्रम का प्रभावी संचालन संस्कृति विभाग की ओर से विश्व प्रकाश “रूपन”ने किया।