एक साल में 40 प्रतिशत मुनाफा देने के नाम पर 14 लोगों के 30 लाख हड़पे

Lucknow

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में ठगों ने एक साल में 40 प्रतिशत मुनाफा देने के नाम पर रिटायर SBI के मैनेजर व उनके परिवार के 14 सदस्यों से 30 लाख रुपये ठग लिए। वहीं सिम कार्ड वैरीफिकेशन के नाम पर साइबर ठगों ने ब्रिगेडियर समेत चार लोगों के खाते से सवा लाख रुपये निकाल लिए।

वैरीफिकेशन के नाम पर पर्सनल जानकारी लेकर खाली कर दिया खाता

  • गौतमपल्ली संतुष्टि अपार्टमेंट निवासी ब्रिगेडियर जागेंद्र नाथ के मुताबिक उनके फोन पर सिम कार्ड ब्लॉक होने का मैसेज था। इस पर उन्होंने इंटरनेट से कस्टमर केयर नंबर खोजकर पर फोन किया था। फोन कनेक्ट न होने पर कुछ देर बाद ही एक फोन आया। उसने खुद को कस्टमर केयरकर्मी होने की बात कह उनकी पूरी डिटेल हासिल कर ली। इसके बाद उनके खाते से 75 हजार रुपये कटने का मोबाइल पर मैसेज आया।
  • इसी तरह वास्तुखण्ड निवासी अर्चना सिंह ने जॉब सर्चसाइट पर रिज्यूम डाला था। जिसके बाद उन्हें विशाल नाम के युवक ने फोन कर एक फार्म भरने के बहाने से एक लिंक भेजा था। जिसमें डिटेल भरते ही अर्चना के खाते से 15 हजार रुपये कट गए जबकि ठाकुरगंज निवासी गुड्डू के ATM कार्ड का क्लोन बनाकर 12 हजार और आलमबाग चंदरनगर निवासी समरजीत सिंह के खाते से 25 हजार रुपये निकाल लिए।

साल में 40 प्रतिशत मुनाफा के लालच में गंवा दी अपनी व परिजनों की जमा पूंजी

तेलीबाग निवासी एसबीआई से रिटायर गौतम राय चौधरी की कुछ दिन पहले पूर्व परिचित डॉ. मनीष के माध्यम से विश्वास फर्म के निदेशक विश्वजीत और धीरज श्रीवास्तव से हुई थी। उनका आरोप है कि इन लोगों ने निवेश करने पर 40 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक कंपनी में रुपया लगाने पर मुनाफा दिलाने की बात कही। उनकी बातों में आकर ग्रैच्यूटी से मिले 30 लाख रुपये कंपनी में लगा दिए।

शुरुआती महीनों में ब्याज मिलने पर परिवार के भी कई सदस्यों को निवेश के लिए कहा। जिस पर पत्नी रूपाली, बेटे सिद्धार्थ व बहू कुसुम समेत 14 और लोगों ने कंपनी में पैसे लगा दिए। गौतम का आरोप है कि तीन महीने के बाद कंपनी ने ब्याज देना बंद कर दिया।

पूछताछ करने पर विश्वजीत और धीरज जल्द पैसे आने की बात करने लगे, लेकिन पैसा नहीं लौटा। कंपनी में उनके साथ परिवार के करीब 14 लोगों ने 42 लाख रुपये लगाए थे। केवल 12 लाख ब्याज के तौर पर वापस हुए। वहीं, बचे हुए रुपये देने से आरोपी मुकर गए। इंस्पेक्टर विभूतिखंड के अनुसार एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।