बुलंदशहर में बेटे ने साथियों के साथ मिलकर की थी बीएसएफ के सब इंस्‍पेक्‍टर की हत्या

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बुलंदशहर (www.arya-tv.com) मार्च माह में होली पर्व पर घर आए बीएसएफ में दारोगा की हत्या उन्हीं के बेटे ने अपने साथी के साथ मिलकर की थी। हत्या के बाद अपनी ही ट्यूबवेल के कुआ में शव फेंक दिया था। बता दें कि 29 मार्च 2021 को अगौता थाना क्षेत्र के गांव सेगा जगतपुर निवासी बीएसएफ में दारोगा के पद पर तैनात रामपाल सिंह छुट्टी लेकर अपने गांव आये थे।

जिसके बाद से उनका कोई पता नही चल पाया था। एसएसपी ने स्वाट टीम को मामले की जांच सौपी थी। स्वाट टीम ने लापता दरोगा के छोटे बेटे हिमांशु ओर उसके दोस्त प्रशांत को गिरफ्तार किया है। हिमांशु ने बताया कि उसने ही अपने दोस्त प्रशांत के साथ मिलकर पिता रामपाल की हत्या की थी।

29 मार्च को रंग खेलकर रामपाल सिंह घर आये। शराब के नशे में धुत पिता की हिमांशु से किसी बात को लेकर तकरार हो गई। हिमांशु ने पिता के सिर में एक डंडा दे मारा, जिससे दरोगा रामपाल की मौत हो गई।

कोरोना का खोफ दिखा छिपाया शव

हत्या के बाद हिमांशु ने गांव निवासी दोस्त प्रशांत पुत्र जनम सिंह को बुलाया और शव बाइक पर रखकर ट्यूबेल पर ले गए और कुएं में डाल दिए। गांव के लोगों ने जब रामपाल को बेहोशी की हालत में हिमांशु को ले जाते देखा तो पूछताछ की। हिमांशु ने हालत खराब होने और चिकित्सक को दिखाने की बात कही। जबकि लौटकर कोरोना पाजिटिव आने और गंगा घाट पर दाह संस्कार करने की बात कही।

अगौता पुलिस की लापरवाही उजागर

दरअसल, पिता की हत्या करने के बाद हिमांशु अपने बड़े भाई के साथ अगौता थाने पहुंचा और पिता के लापता होने की सूचना दी। साथ ही पिता रामपाल को बाबूगढ़ छावनी बस में बैठकर डुएटी भेजने की बात कहकर गुमराह किया। अगौता पुलिस ने इस मामले में जरा भी दिलचस्पी नही दिखाई। हालांकि रामपाल की हत्या की बाबत प्रत्येक ग्रामीण जानता था और सैकड़ों ग्रामीण लापता दरोगा की बरामदगी को एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे।

डायरी ने खोला राज

बीएसएफ के दारोगा रामपाल ने अपने छोटे भाई वेदप्रकाश को उसकी बेटी की शादी में ढाई लाख रुपये उधार दिया था। हालांकि वेदप्रकाश गांव से अपने हिस्से की जमीन और घर बेचकर बुलंदशहर में रहता है। पिता की हत्या के बाद दोनों बेटों के हाथ वो डायरी लग गई जिसमें ढाई लाख रुपये भाई वेदप्रकाश को दिए जाने की बाबत रामपाल ने लिखा था। दोनों बेटों ने चाचा पर रुपयों का तकादा किया। इससे बौखलाए वेदप्रकाश ने पुलिस कार्यालय में भाई को बरामद करने की गुहार लगाई।