प्रयागराज में पहले दिन IG पहुंच गए बच्चों को पढ़ाने:बच्चों को सुनाई राष्ट्रपति कलाम की कहानी

Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में 18 महीने बाद बुधवार यानी आज से कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूल खुल गए। प्रयागराज में कानून-व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी संभालने वाले आईजी केपी सिंह एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए। वे यहां संगम तिकोनिया पार्क में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को अचानक पढ़ाने पहुंच गए। बकायदा पार्क में बोर्ड लगाकर आईजी ने अपनी क्लास शुरू की। अपने बीच आईजी को पाकर बच्चे भी उत्साहित दिखे। आईजी ने कक्षा 8 के बच्चों में न सिर्फ विश्वास भरने की कोशिश की बल्कि नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया। इतिहास-भूगोल पढ़ाया। विश्व के नक्शे पर भारत को दिखाया

मुझसे भी बड़े अफसर बन सकते हो…
आईजी केपी सिंह ने कहा कि बच्चों सबसे पहले अपने ऊपर विश्वास रखो। कड़ी मेहनत करो…एक दिन आप मुझसे भी बड़े अधिकारी बन सकते हो। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। हम यहां तक पहुंचे हैं तो मेहनत करके ही पहुंचे हैं। आप जैसे विपरीत परिस्थितियों में रहने वाले बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने अपने देश-समाज का नाम रोशन किया है। आप भी उसमें से एक हो सकते हो। केपी सिंह ने कहा कि आगे बढ़ने के लिए संसाधनों की कमी बाधा नहीं बनती। जब आप अपने ऊपर विश्वास करते हैं, लगातार मेहनत करते हैं तो कोई भी सफलता आप से अछूती नहीं रहती।

खुली आंखों से देखो बड़े सपने…
आईजी ने बच्चों से कहा कि आप बड़े सपने देखें। बड़े सपने देखने से आपको कौन रोकता है। सपने देखने में कोई पैसे नहीं खर्च होते, बस उन सपनों को पूरा करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होती है। यह सपने तभी साकार होंगे जब यह आपकी आंखों के सामने रहेंगे। आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं? कहां जाना चाहते हैं? जब आप उसके बारे में हमेशा सोचते रहेंगे और प्रयास करते रहेंगे तो कोई भी विपरीत परिस्थितियां कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं। आप दुनिया में कुछ भी बन सकते हो।

एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया
आईजी केपी सिंह ने बच्चों से एपीजे अब्दुल कलाम की स्टोरी साझा की। बताया कि मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आपके जैसी पारिवारिक परिस्थितियों में थे। उनके पिता के पास पैसा नहीं था। अपने स्कूल का खर्च निकालने के लिए वह सुबह 4 बजे उठकर अखबार बेचा करते थे। उन्होंने वैज्ञानिक बनने का सपना पाल रखा था। उसी सपने को साकार करने के लिए वह लगातार मेहनत कर रहे थे। ऐसे ही बच्चों आप भी जीवन में जो कुछ भी पाना चाहते हैं उस सपने को पूरा करने के लिए लगातार मेहनत करिए। एक दिन वह सपना आपका होगा।