शादी में ब्रांडेड कपड़े न मिलने पर ​पति ने पत्नी को भेजा तलाक का नोटिस

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(www.arya-tv.com) शादी में दूल्हे को महंगे व ब्रांडेड कपड़़े पहनने की ख्वाहिश होती है। मगर, यह ख्वाहिश पूरी न हो तो दूल्हा नाराज हो जाता है। अक्सर यह नाराजगी दुल्हन के मनाने से दूर हो जाती है। पत्नी के शादी के बाद पति के साथ जाकर उसकी मनपसंद की शापिंग करने से भी बात बन जाती है। मगर, एक पति को ब्रांडेड कपड़े न मिलना इतना ज्यादा बुरा लगा कि उसने सात फेरों के छह महीने बाद ही पत्नी को तलाक का नोटिस भेज दिया। जिसे देखकर पत्नी के होश उड़ गए।

मामला न्यू आगरा क्षेत्र की रहने वाली एक उच्च शिक्षित युवती का है। उसकी शादी छह महीने पहले जयपुर के व्यापारी से हुई। पति भी उच्च शिक्षित है। लड़की वालों ने शादी में लाखों रुपये खर्च किए। बरातियों का स्वागत भी धूमधाम से किया गया। उनकी पसंद का पूरा ख्याल रखा गया। मगर, लड़की वालों द्वारा दूल्हे को दिए गए कपड़ों पर बात बिगड़ गई। दूल्हे को लड़की वालों द्वारा दिए गए कपड़े महंगे ब्रांड के नहीं लगे। दूसरे शब्दो में कहें तो कपड़े उसकी पसंद के मुताबिक नहीं थे। उसने इस बात काे लेकर इश्यू बना लिया।

दुल्हन के विदा होकर ससुराल पहुंचने पर दूल्हे ने अपनी नाराजगी से उसे भी अवगत करा दिया। दुल्हन को लगा कि जरा सी बात है, पति इसे तूल नहीं देगा। मगर, पति को अपनी क्वालिटी के हिसाब से कपड़े नहीं मिलना कुछ ज्यादा ही अखर गया। उसने पत्नी को इस बात पर ताना देना शुरू कर दिया। ससुराल वालों ने भी पत्नी को ताना देना शुरू कर दिया। जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया। बताते हैं तीन महीने पहले पति व ससुराल वालों ने विवाहिता को बहाने से मायके भेज दिया।

जिसके बाद दो महीने तक उसे लेने नहीं आए। करीब एक महीने पहले पत्नी को पति द्वारा भेजा गया एक नोटिस मिला। पत्नी ने उसे खोलकर देखा तो होश उड़ गए। पति ने उसे तलाक का नोटिस भेजा था। पति उससे तलाक चाहता था। नोटिस देखकर विवाहिता ने अपना घर बसाने के लिए पुलिस की मदद ली। पुलिस ने मामले को काउंसलिंग के लिए परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया।

परिवार परामर्श केंद्र से पति को नोटिस भेजकर बुलाया गया। काउंसलर ने पति को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह तलाक देने पर अड़ा रहा। जबकि पत्नी का कहना था कि वह पति के साथ ही रहना चाहती है। उसके साथ सात फेरे लिए हैं, अपना घर नहीं बिगाड़ना चाहती। पत्नी ने भी पति को समझाने का प्रयास किया। मगर, पति फिलहाल अपना इरादा बदलने को तैयार नहीं था। दोनों के बीच सुलह कराने के लिए काउंसलर ने पति-पत्नी काे अब अगली तारीख दी है। जिससे कि पति को समझाकर उसके फैसले को बदलने का प्रयास किया जा सके।