फर्जी आधार कार्ड के जरिए पश्चिम बंगाल करा रहा मानव ​तस्करों की घुसपैठ, यूपी एटीएस को गोंडा कनेक्शन की तलाश

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लखनऊ (www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में म्यांमार व बांग्लादेश के नागरिकों की घुसपैठ करा रहे ङ्क्षसडीकेट में शामिल बड़ों तक पहुंचने के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अपनी जांच का दायरा बढ़ा रहा है। पश्चिम बंगाल की सीमा से हो रही घुसपैठ को रोकने के लिए अन्य जांच एजेंसियों की भी मदद ली जा रही हैं, लेकिन बड़ी मछलियां हाथ नहीं लग रही हैं।

फर्जी दस्तावेजों के जरिए घुसपैठियों की पहचान बदलने व उन्हें भारतीय आधार कार्ड, पासपोर्ट व ऐसे अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले गिरोह जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हैं। यही वजह है कि एटीएस ने अब 22 अक्टूबर को गोंडा में फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड बनाने के मामले में पकड़े गए दो आरोपितों की भी छानबीन शुरू की है।

वहीं, एटीएस ने दो दिन पूर्व मानव तस्करी में पकड़े गए मिथुन मंडल व तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की है। एटीएस की एक टीम गोंडा में पड़ताल कर रही है। गोंडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपित श्याम निषाद व सूरज मौर्या से पूछताछ की भी तैयारी है। वहीं मिथुन व उसके साथियों से भी खासकर फर्जी दस्तावेजों के बिंदु पर पूछताछ की जा रही है। इनके कई और साथियों के भी पकड़े जाने की उम्मीद है।

दरअसल, एटीएस ने इससे पूर्व रोंहिग्या महिलाओं को उत्तर प्रदेश लाने के बाद उनकी विदेश में तस्करी करने वाले गिरोह को भी पकड़ा था। जनवरी माह में संतकबीरनगर से रोङ्क्षहग्या अजीजुल को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद गिरोह का हवाला नेटवर्क भी सामने आया था। फर्जी दस्तावेज बनवाने में मददगार रहा अब्दुल मन्नान भी पकड़ा गया था, लेकिन उसके बाद भी इस नेटवर्क से जुड़े बड़े हाथ नहीं लगे थे।

जांच एजेंसियों के आपसी समन्वय के बाद भी पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में फैली मानव तस्करी के सिंडीकेट की परतें पूरी तरह से नहीं खुल पा रही हैं। आंतरिक सुरक्षा के लिए रोहिंग्या व बांग्लादेशियों की घुसपैठ से खतरा लगातार बढ़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि एटीएस ने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने वालों तक पहुंचने के लिए दूसरी एजेंसियों से भी संपर्क साधा है।

एटीएस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल निवासी ट्रैवल एजेंसी संचालक मिथुन मंडल व तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था। अब उनके अन्य साथियों के बारे में छानबीन तेज की गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने बीते दिनों कितने रोङ्क्षहग्या व बांग्लादेशियों को कहां-कहां ठिकाना दिलाया है।