कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद आदमी संक्रमण से कितना सुरक्षित

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(www.arya-tv.com) कोरोना वैक्‍सीन के परिणाम को लेकर चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) एक खास स्‍टडी करेगा। इस अध्ययन मं पता लगाया जाएगा कि वैक्‍सीन की दोनों डोज लेने के बाद आदमी संक्रमण से कितना सुरक्षित है। इसके लिए हेल्‍थ केयर वर्करों पर अध्‍ययन किया जाएगा। इसके साथ ही हेल्‍थ केयर वर्करों को कोरोना वैक्‍सीन का बूस्‍टर डोज देने की भी तैयारी की जा रही है। चंडीगढ़ पीजीआई यह स्‍टडी करेगा कि हेल्थ केयर वर्करों पर कोविड वैक्सीन कितनी कारगर रही।

कोरोना संक्रमण के खिलाफ शुरू किए गए टीकाकरण अभियान में सबसे पहले हेल्थ केयर वर्करों को शामिल किया गया था। जनवरी में हेल्थ केयर वर्करों का कोविड वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। ऐसे में लगभग सभी हेल्थ केयर वर्करों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग चुकी है। अब इस पर शोध की तैयारी हो चुकी है। इसके मुताबिक जिन हेल्थ केयर वर्करों को वैक्सीन लगवाए पांच महीने से अधिक समय हो गया है, उन्हें स्टडी में शामिल किया जाएगा। स्टडी में जानने की कोशिश की जाएगी कि हेल्थ केयर वर्कर वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमण से कितने सुरक्षित हैं।

PGIMER इस स्टडी के जरिए यह जानने की कोशिश करेगा कि वैक्सीनेशन के बाद हेल्थ केयर वर्करों में एंटीबॉडीज का क्या लेवल है। क्या ये एंटीबॉडीज शरीर में इस लेवल पर हैं कि ये संक्रमण से लड़ सकती है या रूस और अन्य देश के तर्ज पर भारत में भी हेल्थ केयर वर्करों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी। इस स्टडी में करीब दो हजार हेल्थ केयर वर्करों को शामिल किया जाएगा। स्टडी करने के बाद रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी।