नई संसद में कैसे होती है एंट्री? गेट से विजिटर्स गैलरी तक का मैप देखिए, सुरक्षा में सेंध की इनसाइड स्‍टोरी

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(www.arya-tv.com) 13 दिसंबर 2001 को पुरानी संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर नई संसद की सुरक्षा में सेंध लगी। लोकसभा में विजिटर्स गैलरी (दर्शक दीर्घा) में बैठे दो लोग अचानक सांसदों की कुर्सी पर कूद गए और जूते में छुपाई हुई स्मोक स्टिक से सदन के अंदर धुंआ फैला दिया।

सुरक्षा में चूक के इस मामले में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने विजिटर्स गैलरी के लिए बनने वाले पास पर रोक लगा दी है। साथ ही, पहले से जारी पास रद्द कर दिए गए हैं। ओम बिरला ने इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाई।

इसमें फैसला हुआ कि संसद की सुरक्षा की गृह मंत्रालय से उच्चस्तरीय समीक्षा कराई जाएगी और उसी के अनुरूप कदम उठाए जाएंगे। बैठक में कई नेताओं ने मंत्रियों और सांसदों के PS की संख्या घटाने, गैलरी को शीशे से घेरने की मांग भी उठाई।

लोकसभा की विजिटर्स गैलरी तक कोई ऐसे ही नहीं पहुंच जाता। उसके लिए किसी सांसद की रिकमंडेशन (अनुशंसा) चाहिए होती है। फिर चार लेयर की सुरक्षा से गुजरते हुए वह सदन की विजिटर्स गैलरी तक पहुंचते हैं।

चार लेयर की सुरक्षा चेक, तभी विजिटर्स गैलरी तक एंट्री

1. फिलहाल लोकसभा की विजिटर्स गैलरी में किसी सांसद के गेस्ट ही आ सकते हैँ। सांसद की रिकमंडेशन पर ही पास बनता है। पास बनाने के लिए उन्हें अपना आधार कार्ड या फिर दूसरा पुख्ता अड्रेस प्रूव भी देना होता है। लोकसभा सचिवालय तब पास जारी करता है।

2. पास लेकर जब तय समय पर लोग संसद में आते हैं तो बाहर पूरी सुरक्षा जांच होती है। बैग स्कैनर से गुजरता है, मेटल डिटेक्टर से जांच के साथ ही पूरी फ्रिस्किंग के बाद आगे जाने दिया जाता है। विजिटर्स को फोन समेत कोई भी इलैक्ट्रॉनिक आइटम अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होती है।

3. संसद के अंदर जब प्रवेश करते हैं तो फिर संसद की मुख्य इमारत में एंट्री के वक्त भी सुरक्षा जांच होती है। लोकसभा विजिटर्स गैलरी के लिए नई संसद में एंट्री गरुड़ द्वार से होती है। यहां भी पूरा बैग स्कैन होता है, फ्रिस्किंग होती है।

4. गरुड़ द्वार से गुजरकर जब पहली मंजिल पर पहुंचते हैं तो लोकसभा के लिए एंट्री के वक्त फिर से पास चेक होता है। अगर साथ में छोटा पर्स या दूसरा आइटम है तो उसे वहीं लॉकर में जमा कराया जाता है। यहां भी चेकिंग होती है। विजिटर्स को बताया जाता है कि आपकी पॉकेट में पेन, सिक्के और यहां तक कि कोई कागज का टुकड़ा भी नहीं होना चाहिए।

5. यहां से आगे जाकर जब विजिटर्स गैलरी में जाते हैं तब फिर पास चेक होता है, चेकिंग होती है। लोगों को बताया जाता है कि विजिटर्स गैलरी में किस तरह बर्ताव करना है। सीट पर बैठने के बाद फिर उठना नहीं है, ना ही वहां कोई बात करनी है। यहां भी लगातार सुरक्षाकर्मी विजिटर्स पर नजर रखते हैं।​

सवाल, जिनके तलाशने होंगे जवाब

1. देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाले ये युवा कौन हैं?
2. आखिर ये सब किस तरह आपस में एक-दूसरे से जुड़े?
3. ये सभी आरोपी किस मकसद को लेकर एकजुट हुए हैं?
4. संसद के भीतर घुसने की इस साजिश में और कौन शामिल हैं?
5. क्या संसद में घुसने से पहले इन्होंने कोई रेकी भी की थी?
6. पूरे प्रकरण में खुफिया तंत्र कहां फेल हो गया?​