भामा और कामची की दोस्ती की क्यों हो रही है चर्चा? IAS ने शेयर की मजेदार कहानी

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(www.arya-tv.com) कहते हैं कि हाथी ना तो दुश्मनी भूलते हैं और ना ही दोस्ती, उनकी याददाश्त बहुत अच्छी होती है। हाथियों को एक भावुक जानवर माना जाता है, जो इंसानों के साथ भी एक अच्छा बांड शेयर करते हैं। IAS अधिकारी सुप्रिया साहू ने तमिलनाडु के दो हाथियों की दोस्ती की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है।

गजब है भामा और कामची की कहानी

IAS अधिकारी सुप्रिया साहू ने बताया कि भामा और कामची नाम के ये दोनों हाथ करीब 55 साल से एक दूसरे के दोस्त हैं और साथ में ही रहते हैं। IAS अधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हममें से बहुत से लोग नहीं जानते कि इंसानों की तरह, हाथी भी दोस्ती का एक प्यारा रिश्ता साझा करते हैं। तमिलनाडु के थेप्पाकाडु, मुदुमलाई में हाथी शिविर में दो हाथियों, भामा जिसकी की उम्र 75 साल है और कामची जिसकी उम्र 65 है, दोनों के बीच सच्ची दोस्ती है।

सुप्रिया साहू ने दोनों में से एक हाथी भामा की कहानी शेयर करते हुए बताया कि जब भामा को महावत थिरु गोपन चराने के लिए लेकर गया था तो जंगल में तेंदुए ने हमला किया और घायल कर दिया। भामा ने अकेले ही तेंदुए से अपने महावत की जान बचाई थी।वहीं कामची पर एक बार दूसरे हाथी ने हमला कर दिया था, इसमें वह बुरी तरह घायल हो गया और उसे ठीक होने में कई साल लग गए। IAS ने बताया कि शिविर में खाना खाते वक्त दोनों साथ में ही खड़े होते हैं और उन्हें गन्ना खाना बहुत पसंद है। हालांकि कोई भी किसी एक को गन्ना देने की हिम्मत नहीं करता। देना है तो दोनों को दिया जाए।IAS अधिकारी ने बताया कि एशिया के सबसे पुराने शिविरों में से एक,इस शिविर में 27 अन्य हाथियों की अच्छे से देखभाल की जाती है। इसके लिए इस संस्था की तारीफ की जानी चाहिए। वैज्ञानिक तरीके के अलावा तमिलनाडु की वन विभाग की टीम संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इनकी देखभाल करती है। यही वजह है कि 55 साल की दोस्ती को लेकर लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं।