(www.arya-tv.com) लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत हुई और विपक्ष की ओर से मणिपुर मसले को लेकर सरकार पर जमकर प्रहार किए गए। सरकार ने भी पलटवार किए और ये सिलसिला बुधवार, गुरुवार दोनों दिन चालू रहेगा। मंगलवार को जब चर्चा की शुरुआत होनी थी तब ये जानकारी आई थी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत करेंगे, सोशल मीडिया-सरकार और विपक्षी पार्टियां सभी इसके लिए तैयार थीं।
लेकिन ऐन वक्त पर इसमें बदलाव हुआ और नॉर्थ ईस्ट से आने वाले गौरव गोगोई ने बहस शुरू की। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, राहुल की संसद में वापसी के बाद कांग्रेस इसे बड़ा अवसर बनाना चाहती थी और अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करने के अलावा कोई बड़ा मौका नहीं था। इसलिए पहले स्पीकर के तौर राहुल गांधी का नाम दिया गया, पार्टी पूरी तरह तैयार थी लेकिन जब बहस शुरू होने वाली थी तभी पार्टी ने गौरव गोगोई का नाम आगे किया।
इंडियन एक्सप्रेस का दावा है कि राहुल गांधी ने खुद बहस शुरू ना करने को कहा था, जिसके बाद मार्शल के जरिए स्पीकर को गौरव गोगोई के नाम की जानकारी दी गई। कांग्रेस के इस फैसले से हर कोई हैरान था, यहां तक कि सरकार के बड़े मंत्रियों ने भी इसको लेकर कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि हम सभी राहुल गांधी का इंतजार कर रहे थे क्योंकि बहस की शुरुआत के लिए उनका ही नाम दिया गया था।
लेकिन आखिरी में ऐसा क्या हो गया। इसके बाद बीजेपी के अधिकतर स्पीकर्स ने इस मसले को उठाया और राहुल पर निशाना साधा। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के भाषण का यू-ट्यूब लिंक भी जारी कर दिया गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया।
कब बोलेंगे राहुल गांधी?
जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी बुधवार या गुरुवार को ही बोल सकते हैं। उन्हें बुधवार को राजस्थान का दौरा करना है, ऐसे में वह यहां जाने से पहले संसद में अपनी स्पीच दे सकते हैं। कांग्रेस की ओर से भी यह कोशिश की जा रही है कि सरकार को उहा-पोह में रखा जाए और अंत में राहुल गांधी के भाषण का रामबाण छोड़ा जाए। मानहानि मामले में राहुल गांधी को जो दो साल की सजा मिली थी, उसपर लगी रोक के बाद वह संसद में वापस लौट पाए हैं। राहुल गांधी को उनका बंगला भी वापस मिल रहा है, वह जल्द ही अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड भी जाएंगे और इस बीच हर किसी को इंतजार उनकी लोकसभा स्पीच का है।
अविश्वास प्रस्ताव पर कैसे चले तीर
मणिपुर मसले को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे लगातार विरोध के बाद लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से चर्चा शुरू हुई। पहले ही दिन इस बात के संकेत मिल गए कि इस बहस में मणिपुर के अलावा अन्य भी मसलों के जरिए सरकार पर हमलावर होने की तैयारी है, सिर्फ विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष भी पलटवार करने में पीछे नहीं रहना चाहता है। निशिकांत दुबे, किरण रिजिजू, श्रीकांत शिंदे, नारायण राणे समेत अन्य नेताओं ने सरकार की ओर से हमला बोला तो विपक्ष की ओर से गौरव गोगोई, सुप्रिया सुले, सौगत रॉय समेत अन्य नेताओं ने कमान संभाली।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कुल 16 घंटे अलॉट हुए हैं, जिनमें से अभी कुछ ही घंटों की चर्चा हुई है। बुधवार और गुरुवार को दोनों पार्टियों की ओर से बड़े नेता बोल सकते हैं, जिनमें अमित शाह, राहुल गांधी, निर्मला सीतारमण, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नाम शामिल हैं और अंत में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब भी होना है।