यहां फाइलों पर दर्ज रहता है र‍िश्‍वत का कोड, बिना कोड देखे आगे नहीं बढ़ती है कोई भी फाइल

Gorakhpur Zone UP

(www.arya-tv.com) जिलाधिकारी की गोपनीय जांच ने परिवहन विभाग (आरटीओ दफ्तर) में व्याप्त भ्रष्टाचार की कलई खोल दी है। नामजद होमगार्ड तो सिर्फ एक मोहरा है, दफ्तर और शहर में उसके जैसे दर्जनों एजेंट (दलाल) घूम रहे हैं। जो प्रशिक्षु (लर्निंग) और स्थायी (परमानेंट) ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थियों को झांसे में लेकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। यह रकम चरगांवा स्थित चालक प्रशिक्षण कार्यालय (डीटीआइ) के काउंटरों पर बैठे पटल कर्मचारियों (बाबू), संभागीय क्षेत्रीय निरीक्षक (आरआइ) सहित अधिकारियों तक पहुंचता है। सबका अलग-अलग फिक्स कमीशन निर्धारित है।

एजेंटों, आरआइ और अधिकारियों तक पहुंचता है वासूला गया रकम, फिक्स है कमीशन

आलम यह है कि अभ्यर्थियों को छह माह के अंदर एक लाइसेंस बनवाने में दस हजार रुपये खर्च करने पड़ जा रहे हैं। लर्निंग लाइसेंस के लिए निर्धारित शुल्क 350 की जगह चार से पांच हजार और परमानेंट के लिए निर्धारित शुल्क एक की जगह पांच से छह हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। जो अभ्यर्थी एजेंटों और दलालों के मनमाफिक पैसा खर्च नहीं करते वे फेल कर दिए जाते हैं या उनके टेस्ट का समय आगे बढ़ा दिया जाता है। जानकारों के अनुसार पुलिस की गिरफ्त में आया होमगार्ड और उसके एजेंट बाबुओं और अधिकारियों की मिलीभगत से घर पर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का आनलाइन टेस्ट देने वाले अभ्यर्थियों का डेट बढ़वा देते थे।

ऐसे होता है खेल

अभ्यर्थी डेट दुरुस्त कराने के लिए दफ्तर पहुंचते या फोन करते थे तो उन्हें अपने जाल में फंसाकर टेस्ट का डेट जल्दी करवा देते थे। निर्धारित डेट पर नजदीक के साइबर कैफे वाले के यहां पहुंचकर अभ्यर्थी को पास करा देते थे। यह काम वह अकले नहीं बल्कि उसकी पूरी टीम करती थी। जानकारों के अनुसार होमगार्ड और उसकी टीम के पास कप्यूटर सिस्टम खोलने वाला अधिकारियों का पासवर्ड भी रहता था। यहां जान लें कि प्रतिदिन घर पर बैठकर 100 तथा दफ्तर पहुंचकर 50 से 60 अभ्यर्थी आनलाइन टेस्ट देते हैं।

आरटीओ दफ्तर में बाबुओं के भी तैनात है बाबू

आरटीओ दफ्तर में अधिकारियों ने बाबुओं के अलावा अपने लिए मानदेय पर अलग से निजी कर्मचारी तैनात किए हैं। निजी कर्मचारी भी एजेंट का कार्य करते हैं। इसके अलावा पटल कर्मचारी अपने कार्य के लिए भी अलग से निजी कर्मचारी रखे हैं। यह सभी निजी कर्मचारी कंप्यूटर से लगायत फाइलों का हिसाब-किताब करने तथा लेन देन करते हैं। यह निजी कर्मचारी भी अपने कर्मचारी रखे हैं जो कार्यालय परिसर में अभ्यर्थियों को अपने झांसे में लेते हैं।