ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की सुनवाई आज:वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट सुनाएगी आदेश

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(www.arya-tv.com) ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने सहित तीन मांगों से संबंधित भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के मुकदमे की सुनवाई आज होगी। वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट आज तय करेगी कि यह मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है।

इससे पहले इस मुकदमे की सुनवाई 8 नवंबर को ही होनी थी। मगर, कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के छुट्‌टी पर होने की वजह से 14 नवंबर की अगली डेट फिक्स कर दी गई थी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल किया गया है। कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर उसकी लिखित प्रति दाखिल कर चुके हैं।

किरन सिंह विसेन की 3 मांगें

  1. ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो।
  2. ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए।
  3. ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ करने दिया जाए।

मुकदमे में 5 प्रतिवादी हैं

जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि इस मुकदमे में UP सरकार, वाराणसी के DM और पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है।

3 वकील देख रहे हमारे सारे मुकदमे: विसेन
जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर से संबंधित वे सभी मुकदमे जो वाराणसी जिला न्यायालय में हमारी देखरेख में चल रहे हैं, उनकी पैरवी के लिए केवल तीन ही अधिकृत अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं। उन तीनों अधिवक्ताओं के नाम मान बहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी और शिवम गौर हैं। इन तीनों अधिवक्ताओं के अतिरिक्त यदि कोई भी खुद को विश्व वैदिक सनातन संघ के द्वारा संचालित मुकदमों में स्वयं को अधिवक्ता बताता या दर्शाता या लिखता है तो वह पूर्ण रूप से फर्जी है।

ज्ञानवापी से संबंधित कई केस लंबित हैं, इनमें से चार प्रमुख केस इस तरह हैं-

वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर मां श्रृंगार गौरी की पूजा की याचिका की सुनवाई को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने इस याचिका को चुनौती देने वाली अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी की चुनौती को खारिज कर दिया। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का ये विवाद सदियों पुराना है। 213 साल पहले इस विवाद को लेकर पहली बार दंगे हुए थे।