डायबिटीज की वजह से हो सकता है हेयर लॉस, बालों को गिरने से बचाने के ​लिए ब्लड शुगर करें कंट्रोल

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(www.arya-tv.com) अगर आप सोचते हैं कि डायबिटीज (Diabetes) सिर्फ शुगर से जुड़ी बीमारी है तो ऐसा नहीं है. यह कई बीमारियों की जड़ है. अगर आपके खून में शुगर की मात्रा बढ़ने लगे तो इसका असर शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर देखने को मिलता है. डायबिटीज की वजह से मोतियाबिंद (Cataract), काला मोतियाबिंद और मैक्युलर एडिमा जैसी आंखों से संबंधित कई बीमारियां (Eye Disease) हो सकती है, डायबिटीज की वजह से किडनी फेलियर (Kidney Fail) का खतरा बना रहता है और नसों और धमनियों को नुकसान को होने की वजह से डायबिटीज के कारण हृदय रोग (Heart Disease) भी हो सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज की वजह से बालों के गिरने की भी समस्या हो सकती है.

हेयर फॉलिकल्स तक नहीं पहुंचता ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स

इस बारे में हमने बात की दिल्ली की हेयर एंड स्किन स्पेशलिस्ट डॉ शेहला अग्रवाल से. डॉ शेहला की मानें तो हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar) की वजह से ब्लड वेसल्स यानी रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं. ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचने की वजह से खून का संचार सीमित हो जाता है जिसकी वजह से कुछ सेल्स को ऑक्सीजन और पोषक तत्व जरूरत से कम मिलते हैं. कुछ ऐसा ही Hair Follicles (बालों के कूप) के साथ भी होता है.

हेयर फॉलिकल्स को जब पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते तो नॉर्मल हेयर ग्रोथ प्रभावित होता है. साथ ही डायबिटीज के मरीजों में सामान्य लोगों की तुलना में अधिक बाल भी गिरते (Hair Fall) हैं. जब बाल दोबारा बढ़ते भी हैं तो उनकी ग्रोथ की प्रक्रिया सामान्य हेयर ग्रोथ की तुलना में बेहद धीमी होती है.

डायबिटीज के कारण एलोपीसिया की बीमारी

डॉ शेहला आगे बताती हैं कि डायबिटीज के कुछ मरीजों में बालों से जुड़ी एक बीमारी एलोपीसिया एरिएटा (Alopecia Areata) होने की भी आशंका बनी रहती है. एलोपीसिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम हेयर फॉलिक्स पर हमला करने लगता है जिस वजह से सिर के अलग-अलग हिस्से से हेयर लॉस होने लगता है. हालांकि डॉ शेहला की मानें तो अगर आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें तो बाल गिरने की समस्या भी अपने आप कम हो जाती है.

डायबिटीज के सामान्य लक्षण कौन से हैं

जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होता है तो उसके शरीर में या तो इंसुलिन (Insulin) का उत्पादन नहीं होता या फिर शरीर उत्पादित हो रहे इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता या फिर ये दोनों ही दिक्कतें हो सकती हैं. इंसुलिन की कमी की वजह से ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता और शरीर को ऊर्जा के सोर्स के लिए ऊत्तकों, मांसपेशियों और दूसरे अंगों पर निर्भर रहना पड़ता है. बार-बार भूख लगना, ऊर्जा की कमी महसूस होना, सामान्य से अधिक प्यास लगाना, बार-बार पेशाब आना- ये सब हाई ब्लड शुगर के लक्षण हैं. इनकी अनदेखी न करें.