शासन का निर्देश स्कूल भले हो बंद बच्चों को मिले यूनिफार्म, जाने कैसे मिलेंगे 600 रुपये

Education Prayagraj Zone UP

प्रयागराज।(www.arya-tv.com) कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई जैसे-तैसे ऑनलाइन माध्‍यम से कराई जा रही है। ऐसे में सभी परिषदीय विद्यालयों में यूनिफार्म वितरण भी किसी चुनौती से कम नहीं नजर आता है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रयागराज के परिषदीय विद्यालयों के मात्र 50 फीसद बच्चों को ही यूनिफार्म मिल सका है। जबकि आधे बच्‍चे ऐसे हैं, जिन्‍हें यूनिफार्म की आस है। शासन का निर्देश है कि स्कूल भले बंद हैं लेकिन बच्चों को समय से यूनिफार्म का वितरण करा दिया जाए।

यह भी कहा गया है कि ड्रेस की सिलाई स्थानीय महिला समूहों से कराई जाए। यूनिफार्म के मद का धन भी शासन से जारी कर दिया गया है। निर्देशित किया गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक सभी बच्चों को दो सेट यूनिफार्म दिलाएंगे। इसके लिए प्रत्येक बच्चें के हिसाब से 600 रुपये स्वीकृत हैं।

जिला समन्वयक सुनीता चौधरी ने बताया कि जिले में कुल 376833 बच्चों को यूनिफार्म दिया जाना है। इसमें से करीब 50 प्रतिशत बच्चों के लिए यूनिफार्म तैयार होकर उनके विद्यालयों में पहुंचा दिया गया है।

संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापक पांच से दस अभिभावकों को विद्यालय में बुलाकर यूनिफार्म का वितरण कर रहे हैं। जल्द ही सभी बच्चों को यूनिफार्म का वितरण करा दिया जाएगा। विद्यालय बंद होने की वजह से कुछ कठिनाई आ रही है लेकिन शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाएगा।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यूनिफार्म वितरण की प्रक्रिया चल रही है। सभी ड्रेस महिला स्वयं सहायता समूहों से ही तैयार कराए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में उन्हें आर्थिक कठिनाई से न जूझना पड़े।

जिला समन्वयक ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को यूनिफार्म देने की प्रक्रिया चल रही है। राजकीय विद्यालयों की तरफ से अभी डिमांड नहीं भेजी गई है। इस संबंध में डीआइओएस को पत्र भी लिखा गया है।

जैसे ही डिमांड आएगी, बच्चों की संख्या पता चलते ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सर्व शिक्षा अभियान के तहत यूनिफार्म वितरण की व्यवस्था सिर्फ राजकीय और बेसिक शिक्षा के परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए है। समाज कल्याण विभाग की तरफ से चलने वाले विद्यालयों के बच्चों को इस सुविधा से वंचित रखा गया है।