शहाबुद्दीन गैंग के शूटर ने की थी रेलवे-ठेकेदार की हत्या:बहन से शादी से था नाराज

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(www.arya-tv.com)  लखनऊ में रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या के तार बिहार के माफिया और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन गैंग से जुड़ रहे हैं। हत्या की वजह केवल ठेकेदारी में वर्चस्व नहीं है, बल्कि साथ में रहने वाले साथियों की बहन और प्रेमिका को जबरन बीवी बनाना भी है। शहाबुद्दीन गैंग का नाम आने के बाद लखनऊ पुलिस भी घटना की तहकीकात बेहद सतर्क होकर कर रही है।

लखनऊ पुलिस की जांच में सामने आया है कि वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या शहाबुद्दीन गैंग के शूटर फिरदौस ने की है। वीरेंद्र की पत्नी खुशबुन तारा ने जिन तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है, उनमें फिरदौस का भी नाम है। फिरदौस शहाबुद्दीन के खास शूटर रईस खान के लिए काम करता था। 25 जून को फिरदौसने चार साथियों के साथ मिलकर वीरेंद्र ठाकुर को गोलियों से भून दिया था।

पान की दुकान से शुरू हुई प्रेम कहानी हत्या तक पहुंची
मामले में बिहार पुलिस ने खुलासा किया है कि वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की प्लानिंग एक पान की दुकान पर तैयार हुई थी। बात 2008 की है। बिहार के नरकटियागंज की रहने वाली प्रियंका एसएस शर्मा पब्लिक स्कूल में पढ़ने जाती थी।

उस समय वीरेंद्र का नरकटियागंज सहित पूरे बेतिया पर दबदबा था। स्कूल के रास्ते में पान की दुकान लगाने वाले बिट्टू जायसवाल और प्रियंका एक- दूसरे से प्रेम करने लगे। वीरेंद्र बिट्टू की दुकान पर जाता था। इसलिए वो उससे परिचित था।

बिहार पुलिस ने बताया कि बिट्टू और प्रियंका की प्रेम कहानी इतनी आगे बढ़ गयी कि दोनों घर से भाग गए। उस वक्त तक पुलिस के दबाव की वजह से वीरेंद्र बिहार से फरार होकर लखनऊ में रहने लगा था। बिट्टू को लगा कि वीरेंद्र ही उसे पुलिस और प्रियंका के घरवालों से बचा सकता है। लिहाजा वो प्रियंका को लेकर उसकी शरण में लखनऊ आ गया।

वीरेंद्र ने उन्हें पनाह दी। लेकिन कुछ दिन बाद उसकी नीयत खराब हो गयी। उसने बिट्टू को गालियां देकर भगा दिया और प्रियंका से जबरन शादी कर ली। उसके खौफ से बिट्टू सहम गया और प्रियंका ने भी खामोशी से उसकी बात मान ली।

गुर्गे को पनाह देकर उसकी बहन को प्रेमजाल में फसाया
बिहार पुलिस ने बताया कि वीरेंद्र की हत्या का मुख्य आरोपी फिरदौस बालू के ठेके में गोलीबारी के बाद उसकी शरण मे आया था। बात 2015 की है। बेतिया में बालू खनन का ठेका हथियाने के लिए रईस खान के इशारे पर फिरदौस ने एक ठेकेदार को गोली मार दी।

फिरदौस की चचेरी बहन खुशबुन तारा लखनऊ में रहकर पढ़ाई कर रही थी। गोलीकांड के बाद फिरदौस बहन के पास छुपने आया। लेकिन सेफ जगह की तलाश में उसने वीरेंद्र की शरण ले ली। फिरदौस के साथ वीरेंद्र अक्सर खुशबुन के कमरे पर जाने लगा। वो ख़ुशबुन को पढ़ाई के लिए रुपए देने से लेकर हर तरह से मदद करने लगा। धीरे-धीरे वीरेंद्र ने ख़ुशबुन को अपने पास रख लिया।

ख़ुशबुन के प्रेम प्रसंग ने हिंदू-मुस्लिम का रंग ले लिया
बिहार पुलिस का कहना है कि फिरदौस को जब चचेरी बहन ख़ुशबुन तारा और वीरेंद्र के प्रेम प्रसंग की जानकारी हुई तो उसे मुस्लिम लड़की का हिंदू लड़के से इश्क करना नागवार गुजरा। उसी वक्त उसने वीरेंद्र का अड्डा छोड़ दिया। वहां से वो वापस बिहार गया और वीरेंद्र की हत्या करके पश्चिमी चंपारण के उसके साम्राज्य को हथियाने का तानाबाना बुनने लगा। बिहार के चर्चित शूटर विनय वर्मा से मिला और वीरेंद्र की जिंदगी में दखल देने लगा।

बहन के बदले बीवी को फंसाया, हत्या के लिए बनाया मोहरा
फिरदौस को वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका और उसके प्रेमी बिट्टू के बारे में जानकारी हुई तो दोनों से संपर्क किया। इसके बाद प्रियंका को खुशबुन और वीरेंद्र की प्रेम कहानी बताकर उसे अपनी तरफ मिलाया। फिरदौस को पता था कि लड़कियां वीरेंद्र की कमजोरी हैं। उसने कई लड़कियों से वीडियो चैट करवाकर वीरेंद्र को किसी तरह चारबाग स्टेशन बुलाया।

प्रियंका भी फिरदौस के इस साजिश में शामिल थी। 2 जुलाई 2019 को प्लानिंग के तहत प्रियंका वीरेंद्र को लेकर चारबाग पहुंची। वीरेंद्र प्रियंका को एक माल के बाहर छोड़कर बहाने से लड़कियों से मिलने के लिए चारबाग स्टेशन पर छोटी लाइन के सामने पहुंचा। यहां फील्डिंग लगाकर खड़े फिरदौस और उसके शूटरों ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। वीरेंद्र के पीठ में तीन बुलेट लगी और वो हमेशा के लिए अपाहिज हो गया।

प्रियंका के जाते ही घर के बाहर लगाया गार्डों का पहरा
पुलिस की तहकीकात में सामने आया है कि 2019 के गोलीकांड के बाद प्रियंका वीरेंद्र से दूर जाने के रास्ते खोजने लगी। इस बीच वीरेंद्र इलाज करवाने के लिए दो बार प्रियंका को साथ लेकर दिल्ली गया। लेकिन तीसरी बार जनवरी 2021 में फिरदौस के कहने पर ख़ुशबुन उसके साथ दिल्ली गयी। इससे प्रियंका को मौका मिला और वो अपाहिज वीरेंद्र को छोड़कर पुराने प्रेमी बिट्टू के साथ चली गयी। प्रियंका वीरेंद्र के हर राज जानती थी। इसलिए उसके जाने से वीरेंद्र इतना खौफजदा हुआ कि घर में असलहाधारी गार्डों का पहरा लगा दिया। प्रियंका के जाते ही उसने ख़ुशबुन तारा से शादी भी कर ली।

गेट के अंदर एंट्री के लिए पुलिस की वर्दी में आये थे शूटर
लखनऊ पुलिस के मुताबिक वीरेंद्र लखनऊ में रहकर चंपारण सहित बिहार के कई जिलों में अपना सिक्का चला रहा था। उधर शहाबुद्दीन की मौत के बाद फिरदौस कमजोर पड़ गया था। लेकिन वो किसी भी कीमत पर वीरेंद्र के साम्राज्य को हथियाना चाह रहा था। उसने प्रियंका और उसके पति बिट्टू को भी मिला रखा था। प्रियंका को पता था कि वीरेंद्र पुलिस के अलावा किसी को भी अपनी चारदीवारी के भीतर घुसने नहीं देगा। इसलिए पूरी प्लानिंग करके बिहार के शूटरों को बिहार पुलिस की वर्दी में भेजा था।

लखनऊ पुलिस का कहना है कि घटना के समय मौजूद गार्डों और बाकी संदिग्धों में से कुछ को पकड़ा गया है। जल्द ही इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया जाएगा।