पूर्वांचल में यूरिया की जरूरत पूरी करेगा खाद कारखाना,प्रतिदिन बनेगा ​इतने बोरी खाद

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गोरखपुर (www.arya-tv.com) ह‍िंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में बनने वाली नीम कोटेड यूरिया से पूर्वांचल में खाद की जरूरत पूरी हो जाएगी। प्रदेश में नीम कोटेड यूरिया की कुल मांग का छठा हिस्सा गोरखपुर में बनेगा। प्रदेश के 51 जिलों में एचयूआरएल ने अपनी मार्केटिंग चेन बनाते हुए 102 डीलर बना दिए हैं। इन जिलों में 14 सौ से अधिक फुटकर विक्रेता बनाए गए हैं, जो किसानों को खाद की आपूर्ति करेंगे।

85 हजार 555 बोरी प्रतिदिन यूरिया उत्पादन की है क्षमता, एक बैग में 45 किलो होगी यूरिया

खाद कारखाना में रोजाना 85 हजार 555 बोरी नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। एक बोरी में 45 किलोग्राम यूरिया होगी। प्रदेश में 167.62 लाख हेक्टेयर में खेती होती है। पूर्वांचल के 23 जिलों में हर साल करीब 13 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग रहती है।

प्रदेश में 73 लाख टन की मांग

प्रदेश में सरकारी आंकड़ों में 73 लाख टन यूरिया की हर साल मांग होती है। इस मांग को पूरा करने के लिए प्रदेश के सात खाद कारखानों के साथ ही पंजाब और अन्य राज्यों से यूरिया मंगाई जाती है। गोरखपुर में यूरिया बनने से पूर्वांचल को आसानी से आपूर्ति की जा सकेगी। साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों को भी मांग के अनुसार यूरिया भेजी जाएगी।

नीम कोटेड यूरिया के फायदे

नीम कोटेड यूरिया से जमीन की उर्वरा शक्ति में इजाफा होता है। नीम कोटेड होने के कारण यूरिया में मिले नाइट्रोजन की ज्यादातर मात्रा खेत में पहुंचती है। इससे यूरिया की मांग में कमी आती है और खेत की उर्वरा शक्ति बढऩे से फसल का उत्पादन बढ़ता है। इससे किसानों की कमाई बढ़ती है। नीम को कीटनाशक और बैक्टीरियारोधी भी माना जाता है।। फसल में रोग कम लगते हैं और कीड़ों का भी प्रकोप कम होता है।

फैक्ट फाइल

शिलान्यास – 22 जुलाई 2016

शिलान्यास किया- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने

कार्यदायी संस्था – टोयो जापान

कुल बजट – 8000 करोड़

यूरिया प्रकार – नीम कोटेड

प्रीलिंग टावर – 149.5 मीटर ऊंचा

शुरू होने की तिथि – 07 दिसंबर 2021

रबर डैम का बजट- 28 करोड़

रोजगार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष – 10 हजार।