SC ने कानूनों पर रोक लगाकर कमेटी बनाई; 10 दिन में पहली बैठक होगी

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(www.arya-tv.com) संसद से साढ़े तीन महीने पहले पास हुए तीन कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी। कृषि कानूनों को चुनौती देती याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी भी बना दी। यह कमेटी किसानों से बातचीत करेगी। अदालत ने कहा है कि कमेटी 10 दिन के भीतर पहली बैठक करे और दो महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें पेश करे।

पिछले साल सितंबर में सरकार ने तीन कृषि कानून संसद से पास कराए थे। 22 से 24 सितंबर के बीच राष्ट्रपति ने इन कानूनों पर मुहर लगा दी थी। किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। कुछ वकीलों ने भी इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 विशेषज्ञों की जो कमेटी बनाई है, उसमें कोई रिटायर्ड जज शामिल नहीं है।

कमेटी में ये विशेषज्ञ शामिल

  • भूपेंद्र सिंह मान, भारतीय किसान यूनियन
  • डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, इंटरनेशनल पॉलिसी हेड
  • अशोक गुलाटी, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट
  • अनिल घनवट, शेतकरी संघटना, महाराष्ट्र
    • किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द कर दिए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कानूनों को रद्द करने की बात नहीं कही है। बस इसके अमल को कुछ वक्त के लिए रोका है। किसान कोई कमेटी नहीं चाहते थे, लेकिन बातचीत में मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बना दी है।
    • उधर, सरकार के लिए यह हार इसलिए नहीं है, क्योंकि वह खुद चाहती थी कि एक कमेटी बने और उसके जरिए बातचीत हो। सरकार के बनाए कानूनों की कॉन्स्टिट्यूशनल वैलिडिटी यानी संवैधानिक वैधता भी बरकरार है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। साथ ही यह भी साफ किया है कि कानूनों के अमल पर रोक बेमियादी नहीं होगी।

    आगे क्या होगा?

    • कमेटी क्या करेगी: कमेटी किसानों से बातचीत करेगी। हो सकता है कि सरकार को भी इसमें अपना पक्ष रखने का मौका मिले। यह कमेटी कोई फैसला या आदेश नहीं देगी। यह सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी के पास कितने दिन का वक्त होगा, यह अभी साफ नहीं है।
    • क्या किसान मानेंगे: आंदोलन कर रहे 40 संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि हम किसी कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते, फिर भी एक बैठक कर इस पर फैसला लेंगे। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।