हर साल 1.5 करोड़ लोग होते हैं स्ट्रोक के शिकार, ये गड़बड़ आदतें आप में भी बढ़ा सकती हैं खतरा

Health /Sanitation

(www.arya-tv.com) हार्ट अटैक और स्ट्रोक दो ऐसी स्थितियां हैं, जिसके कारण दुनियाभर में सबसे अधिक मौत के मामले रिकॉर्ड किए जाते हैं। स्ट्रोक को ब्रेन अटैक भी कहा जाता है, यह तब होता है जब कोई चीज मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर देती है। मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के फट जाने के कारण भी स्ट्रोक हो सकता है। स्ट्रोक के कारण स्थायी रूप से ब्रेन डैमेज, विकलांगता या गंभीर स्थितियों में मृत्यु भी हो सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को स्ट्रोक होता है जिसमें से 50 लाख से अधिक की मौत हो जाती है।

स्ट्रोक के बढ़ते जोखिमों की रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्ट्रोक के शिकार लोगों को बेहतर देखभाल सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से हर साल 29 अक्तूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। आइए समझते हैं कि स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ रहा है और किन बातों का ध्यान रखकर इस समस्या से बचाव किया जा सकता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हमारी लाइफस्टाइल की कई गड़बड़ आदतों के कारण स्ट्रोक होने का जोखिम हो सकता है। शारीरिक निष्क्रियता, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने से अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के साथ स्ट्रोक का भी खतरा रहता है। मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी बीमारियों के शिकार लोगों में इसका जोखिम और भी बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।

व्यायाम आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है। इससे अधिक वजन या मोटापे का भी जोखिम कम होता है जो स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने वाली स्थितियां हैं। अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के मुताबिक पेट की चर्बी वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा अधिक देखा जाता है। इसके खतरे से बचाव के लिए सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम स्तरीय गतिविधि करें। जामा नेटवर्क ओपन के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग दिन में 13 घंटे या उससे अधिक समय तक बैठे रहते हैं, उनमें स्ट्रोक का जोखिम 44 प्रतिशत अधिक होता है।

स्ट्रोक की रोकथाम के लिए स्वस्थ आहार बहुत आवश्यक है। साबुत अनाज, फलों, सब्ज़ियों से भरपूर आहार दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ऑलिव ऑयल और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली चीजें संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं और इससे स्ट्रोक का भी खतरा कम हो सकता है। 2022 में लैंसेट में प्रकाशित शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने सात साल तक खाने के पौष्टिक पैटर्न का पालन किया (कम वसा वाले आहार) उनमें दिल का दौरा या स्ट्रोक का जोखिम 26 प्रतिशत कम था।

तनाव को सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य की समस्या समझने की गलती न करें, इसके कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। ये आपमें स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ा देती है। 2022 में जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित शोध के मुताबिक जो लोग अधिक तनाव लेते हैं उनमें स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। तनाव की स्थिति आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाली हो सकती है, जिसके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक दोनों समस्याएं हो सकती हैं।