- गर्वितग्राम में पंचमहाभूत एवं नवग्रह स्थापना
नवी मुंबई कोपर खैराणे स्थित ग्रामीण आदिवासी रिसर्च एंड वैदिक इनोवेशन ट्रस्ट यानी गर्वित द्वारा कर्नाटक के रामनगर स्थित डिवाइन यूफोरिया में प्रस्तावित शिवोम् तीर्थ गर्वित शोध केंद्र में पंचमहाभूत एवं नवग्रह विग्रह की स्थापना संपन्न हुई। ज्ञात हो अपनी स्थापना से अब तक गर्वित भारतीय संस्कृति एवं पर्यावरण से ही संबंधित विभिन्न आयामों के माध्यम से समाज की सेवा करता रहा है। जिसमें भोजन वितरण, वस्त्र वितरण, निर्धन छात्रों को स्कॉलरशिप, वृक्षारोपण, भारतीय संस्कृति और ज्ञान विज्ञान से संबंधित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहीं हैं।
कर्नाटक के रामनगर स्थित डिवाइन यूफोरिया में शिवोम् तीर्थ गर्वित शोध केंद्र की स्थापना हेतु भूमि खंड की व्यवस्था की गई है। आने वाले समय में इसमें विभिन्न भारतीय संस्कृति से संबंधित अन्य शक्तिपुंज की स्थापना भी की जाएगी और शुद्ध वैदिक रूप में शोध किए जाएंगे। इस संबंध में ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष विपुल लखनवी जी ने आगे बताया कि प्राचीन दक्षिण भारतीय कलात्मक मंदिर जिनका निर्माण शिलाखंड द्वारा किया जाता है। उन मंदिरों का भी चयन कर लिया गया है। आने वाले समय में उसमें आदिशक्ति आदि शिव एवं श्री हरि विष्णु की मूर्तियों की स्थापना के साथ सृष्टि के निर्माण को समझाने का प्रयास किया जाएगा। विपुल जी ने विश्वासपूर्वक दावा किया है कि इस प्रांगण में यदि कोई आधे घंटे भी ध्यान कर लेगा तो उसकी दिव्य अनुभूति अवश्य होगी। इस संबंध में विभिन्न मूर्तियों के स्पॉन्सरशिप हेतु जनता से अपील की गई है। ज्ञात हो विपुल लखनवी जी पूर्व परमाणु वैज्ञानिक है और अपने आध्यात्मिक अनुभवों को जनमानस तक पहुंचाने हेतु अपने पेंशन फंड के माध्यम से शोध केंद्र की स्थापना कर रहे हैं। यद्यपि समाज के इक्का-दुक्का लोग सहायता हेतु आगे आते हैं लेकिन वह पर्याप्त नहीं होती है। अभी तक मिलने वाली सहायता में सीमित रूप में सीमित दानदाता ही मिले हैं। वैसे दानदाताओं के नाम गर्वित की वार्षिक रिपोर्ट में विस्तार पूर्वक दिए जाते हैं। वर्तमान में अन्य मंदिरों के निर्माण में जो भी सहायता उपलब्ध होगी उनके नाम नामपट्ट में अंकित कर प्रांगण में लगाए जाएंगे।