नियोजित शिक्षकों को सैलरी तो ज्यादा मिलेगी लेकिन पूरी करनी होगी ये शर्तें, समझिए क्यों संघ इसे बता रहा सरकारी खेल?

Uncategorized

(www.arya-tv.com) बिहार के नियोजित शिक्षकों को मंगलवार के दिन नीतीश कैबिनेट ने बड़ा तोहफा दिया। नियोजित शिक्षकों को आखिर में राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया गया। बिहार के नियोजित शिक्षकों को तोहफे में राज्यकर्मी का दर्जा देने के बाद भी नीतीश-तेजस्वी सरकार पर सवाल उठ गए हैं।

क्या सरकार सचमुच कुछ ऐसा करने जा रही है या फिर यह भी एक सब्जबाग दिखा कर बहलाने की कोशिश है? हालांकि शिक्षक इस तोहफे पर गुलाल अबीर उड़ा रहे हैं। लेकिन हकीकत में शिक्षक वर्ग सरकार के इस निर्णय से खुश है? शिक्षक संघ की मानें तो नहीं।

अब कितनी होगी नियोजित शिक्षकों की सैलरी

  • पहले आप ये जानिए कि राज्य सरकार के इस फैसले के बाद नियोजित
  • शिक्षकों के वेतन का स्ट्रक्चर क्या होगा। यानी अगर आप नियोजित शिक्षक हैं तो अब आपको कितनी तनख्वाह मिलेगी? आखिर राज्य सरकार के तोहफे में क्या है ?
  • कक्षा 1 से लेकर 5 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 25 हजार वेतन मिलेगा
  • कक्षा 6 से लेकर 8 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 28000 रुपये मिलेगा
  • कक्षा 9 से लेकर 10 तक के लिए 31 हजार रुपये
  • कक्षा 11 से लेकर 12 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 32000 रुपये वेतन प्रतिमाह दिया जाएगा।

महंगाई भत्ता, मकान किराया मिलेगा
चिकित्सा भत्ता भी मिलेगा
शहरी परिवहन भत्ता भी मिलेगा।
समय-समय पर वेतन, भत्तों में संशोधन किया जा सकता है।
आठ साल की अवधि के बाद शिक्षकों की प्रोन्नति भी हो सकती है।

ये फैसला 99 फीसदी शिक्षकों के हित में नहीं- शैलू

अखिल भारतीय शैक्षिक संघ के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र शर्मा उर्फ शैलू का मानना है कि इस तोहफे में बहुत सारी विसंगतियां हैं। बिहार लोक सेवा आयोग से बहाल हुए शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी सुविधा और वेतनमान दिया जाएगा लेकिन उसमें शर्तें जोड़ दी गई हैं।

ये शर्तें कुछ इस तरह से हैं।

  • नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा पर वह एक शर्त पर।
  • यह तब ही मिलेगा जब नियोजित शिक्षक राज्य सरकार से चयनित एजेंसी की तरफ से आयोजित एक परीक्षा पास करेंगे।
  • नियोजित शिक्षकों को तीन बार मौका मिलेगा। अगर वो पास नहीं कर सके तो सरकार निर्णय लेगी कि उन्हें नौकरी में रखा जाए या नहीं।
  • अगर आप पास हुए तो आप राज्यकर्मी हो जाएंगे और बिहार के किसी भी जिले में योगदान देना होगा। यह जरूर है कि आपसे तीन जिलों का ऑप्शन मांगा जाएगा।

शैलू के अनुसार सरकार ने बड़ी बारीकी से शिक्षकों को चार वर्गों में बांट दिया। इससे टीचरों की एकता को विखंडित करने का काम किया गया है। अब राज्य में चार तरह के शिक्षक होंगे।

नियमित शिक्षक, नियोजित शिक्षक, बीपीएससी पास शिक्षक और अतिथि शिक्षक। शैलू के मुताबिक ये सरकार का तोहफा नहीं बल्कि नियोजित शिक्षकों को बहलाने की एक चाल भर है।