नियोजित शिक्षकों की लगी लॉटरी, प्रमोशन, तबादला और सक्षमता परीक्षा के साथ सैलरी को लेकर आया बड़ा अपडेट

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(www.arya-tv.com) देखिए हम लोग बहुत खुश हैं। बिहार सरकार ने अपना वादा पूरा किया है। सक्षमता परीक्षा को लेकर भी जो अपडेट मिल रहा है। उससे हम खुश हैं। खासकर जो शिक्षक कुछ सालों में रिटायर होने वाले हैं। उनके लिए भी बड़ी खुशखबरी है। ये कहना है बक्सर जिले के एक नियोजित शिक्षक का।

बिहार सरकार की ओर से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद उनकी सैलरी, प्रमोशन और तबादला के नियम बदल जाएंगे। राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। इन्हें आठ वर्षों पर प्रमोशन मिलेगा।

कक्षा एक से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक आठ साल के बाद मध्य विद्यालय में कक्षा 6 से 8वीं के विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे। वहीं, मध्य विद्यालय के विशिष्ट शिक्षक आठ साल के बाद उसी स्कूल के वरीय विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे। बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में इसकी विस्तार से चर्चा की गई है।

कुछ इसी प्रकार माध्यमिक यानी कक्षा 9 और कक्षा 10 के विशिष्ट शिक्षक आठ साल बाद माध्यमिक स्कूल कक्षा 11वीं से 12वीं तक के विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे।

प्रमोशन की प्रक्रिया

नियमावली के मुताबिक प्रमोशन की प्रक्रिया यथावत जारी रहेगी। वहीं उच्च माध्यमिक स्कूल के विशिष्ट शिक्षक आठ साल बाद इसी कक्षा के वरीय विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। नियमावली के मुताबिक उच्च स्तर के स्कूल में प्रमोशन उपलब्ध पदों के आधार पर तय की जाएगी।

विशिष्ट शिक्षक यानी नियोजित शिक्षक को वेतन संरक्षण का लाभ भी मिलेगा। इसका मतलब ये है कि पूर्व से नियोजित शिक्षक जो अभी अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं, उसका लाभ उन्हें आगे भी मिलेगा। इससे कम वेतन उन्हें प्राप्त नहीं होगा।

प्राथमिक कक्षा के विशिष्ट शिक्षकों को प्रतिमाह मिलने वाली नियोजित शिक्षकों के मुकाबले राशि पांच हजार रुपये अधिक होगी। ध्यान रहे कि प्राथमिक के नियोजित शिक्षकों का मूल वेतन 21 हजार 290 रुपये है, वहीं विशिष्ट शिक्षकों के लिए ये 25 हजार तय किया गया है।

मूल वेतन अधिक होने के बाद नियोजित शिक्षकों के अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी। इसका लाभ उन्हें मिलेगा। दस साल पुराने या इससे अधिक पुराने नियोजित शिक्षकों को वर्तमान में निर्धारित वेतन से ज्यादा वेतन मिल रहा है। उनका वेतन संरक्षण के अंतर्गत आएगा। उसमें कोई कटौती नहीं होगी। उन्हें उतना ही मिलता रहेगा। उनके भत्तों में बढ़ोतरी हो जाएगी।

कमेटी का अलग से गठन

बिहार शिक्षक नियमावली 2023 में एक और बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव से शिक्षकों में खुशी की लहर है। शिक्षा विभाग जुड़े अधिकारियों के मुताबिक नियमावली में कुछ नए प्रावधान किए गए हैं।

उसके मुताबिक सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले और तीन बार के प्रयास में परीक्षा नहीं पास करने वालों के लिए एक अलग से कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी तय करेगी कि परीक्षा नहीं पास करने वाले शिक्षकों के साथ आगे क्या किया जाएगा।

इसमें सबसे बड़ा डेवलपमेंट ये है कि सक्षमता परीक्षा को तीन बार में भी क्लियर नहीं करने वालों की नौकरी नहीं जाएगी। सक्षमता परीक्षा को लेकर तनाव में रहने वाले शिक्षकों के लिए ये एक बड़ा अपडेट है। जब शिक्षा विभाग की ओर से विशिष्ट अध्यापक नियमावली का ड्राफ्ट पर मंतव्य मांगा गया था,

तब से यह मांग शुरू हो गई थी कि सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं की जाए। इस मांग को करने के पीछे कारण ये था कि नियमावली के ड्राफ्ट में ये प्रावधान किया गया था

कि राज्यकर्मी बनने के लिए शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करनी ही होगी। इसके लिए उन्हें तीन अवसर दिए जाएंगे। तीन अवसर पर फेल रहने वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

नियोजित शिक्षकों को राहत

तीन स्टेप में फेल करने वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी, इसे भी विशिष्ट शिक्षक नियमावली के ड्राफ्ट में रखा गया था। इससे नियोजित शिक्षकों के अलावा वे लोग ज्यादा परेशान थे, जो कुछ वर्षों में रिटायर होने वाले हैं।

मंत्रिमंडल से पास हुए विशिष्ट शिक्षक नियमावली को स्वीकृति मिलने के बाद वैसे नियोजित शिक्षक खुश हो गए हैं, जो परीक्षा नहीं पास करने की स्थिति में नौकरी गंवाने की बात सोच रहे थे।

नए ड्राफ्ट में सक्षमता परीक्षा के तीनों मौके पर फेल होने वाले शिक्षकों को सेवामुक्त किया जाने वाला ड्राफ्ट नई नियमावली में नहीं है। मंत्रिमंडल की ओर से स्वीकृत नियमावली में शिक्षकों को सेवा से हटाने वाले प्रावधान को बिल्कुल समाप्त कर दिया गया है।

इसी जगह पर राज्य सरकार उस प्रावधान को करने जा रही है, जिसमें परीक्षा पास नहीं करने वाले शिक्षकों के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी उन शिक्षकों के सभी रिकॉर्ड को देखते हुए अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को भेजेगी।

स्वीकृत नियमावली में इस बात के संकेत दिए गये हैं कि परीक्षा पास नहीं करने वाले शिक्षकों की नौकरी नहीं जाने वाली है। इससे उन हजारों नियोजित महिला और पुरुष शिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो सक्षमता परीक्षा नहीं पास कर सकते हैं। खासतौर से एक दो वर्षों में रिटायर होने वाले शिक्षक भी इस लाभ को ले सकेंगे।