लॉकडाउन कल, आज और कल:स्टार्टअप की चमकी किस्मत

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(www.arya-tv.com)मुश्किलें आपको कई मौके भी देती हैं। लॉकडाउन और कोरोना के मुश्किल भरे वक्त में नए कारोबार यानी स्टार्ट-अप को फलने-फूलने का मौका मिला। पिछले एक साल में हेल्थकेयर सेक्टर, स्मॉल एंड मीडियम साइज बिजनेस (SMB) और एग्रीटेक जैसे सेक्टर में बड़ी संख्या में स्टार्टअप आए।

ऑनलाइन पढ़ाई, फूड सप्लाई और वेस्ट मैनेजमेंट का काम करने वाले स्टार्टअप पिछले साल खूब चले। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डीप लर्निंग स्पेस में काम करने वाले स्टार्टअप के लिए पिछला साल शानदार रहा। दूसरी तरफ टूर एंड टूरिज्म जैसे फिजिकल कॉन्टैक्ट वाले सेक्टर के स्टार्टअप्स को बड़ा नुकसान हुआ।

कारोबार बदलकर आगे बढ़ीं

नीति आयोग के सपोर्ट वाले इनक्यूबेशन सेंटर AIC-RNTU फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रोनाल्ड फर्नांडीज के मुताबिक, पिछले एक साल में बंद होने वाले स्टार्टअप की संख्या मामूली रही है। असल में ज्यादातर स्टार्टअप ने कोविड-19 के चलते बने हालात में सर्वाइव करने के लिए अपना कारोबार बदल लिया।

उनके मुताबिक, सरकार की तरफ से स्टार्टअप्स को जीएसटी से लेकर इनकम टैक्स तक में छूट के तौर पर मदद मिल रही है। जहां तक दिक्कत की बात है तो टूर एंड टूरिज्म सेक्टर के स्टार्टअप को कोविड-19 के चलते लागू हुए लॉकडाउन के कारण नुकसान उठाना पड़ा।

डिजिटाइजेशन में ग्रोथ

बेंगलुरु की एक्सिलॉर वेंचर्स के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान पिछले एक साल में हेल्थकेयर सेक्टर, स्मॉल एंड मीडियम साइज बिजनेस (SMB) और एग्रीटेक सेक्टर में बड़ी संख्या में स्टार्टअप आए। पिछले साल के दिलचस्प ट्रेंड में एक यह रहा कि कोविड -19 के दौरान बड़ी संख्या में एसएमबी ने डिजिटाइजेशन को अपनाया।

24 फरवरी 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, डिपार्टमेंट फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) की तरफ से मान्यता प्राप्त 44,534 स्टार्टअप हैं। गौरतलब है कि सरकार ने देश में आंत्रप्रेन्योरशिप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया शुरू किया था।

स्टार्टअप को कई तरह की राहत

मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को टैक्स में छूट सहित कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जनवरी 2021 तक 339 स्टार्टअप को इनकम टैक्स में छूट मिली थी। पेटेंट फाइलिंग फीस में 80% और ट्रेडमार्किंग फीस में 50% की रियायत मिलती है। DPIIT के पास रजिस्टर्ड स्टार्टअप को शेयरों की बिक्री के जरिए हासिल होने वाले निवेश पर 30% एंजेल टैक्स नहीं देना होता है।

स्टार्टअप को पेटेंट, ट्रेडमार्क या डिजाइन फाइल करने में मदद करने वाले फैसिलिटेटर का खर्च सरकार उठाती है। 28 फरवरी 2021 को 900 से ज्यादा फैसिलिटेटर सरकार के पास रजिस्टर्ड थे। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक DPIIT के पास रजिस्टर्ड एग्जेंप्टेड स्टार्टअप की संख्या में 31 दिसंबर 2019 के मुकाबले 93.4% का उछाल आया है।

लोकलसर्किल्स के फाउंडर और चेयरमैन सचिन टापरिया के मुताबिक, ‘देश में 10,000 से 12,000 एक्टिव स्टार्टअप हैं, जो कंपनी रजिस्ट्रार के पास नियमित रूप से डेटा जमा करा रहे हैं। ऐसे में एग्जेम्पटेड स्टार्टअप की संख्या एक साल में 1,900 से बढ़कर 3,600 से ज्यादा होना बहुत बड़ी बात है। अगले एक साल में एग्जेम्पटेड स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 5,000-6,000 तक पहुंच सकती है।’

किस तरह की कंपनियां स्टार्टअप होती हैं?

1. कंपनी सात साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।

2. किसी भी साल 25 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर नहीं होना चाहिए।

3. मकसद टेक्नोलॉजी बेस्ड नए प्रोडक्ट, प्रोसेस, सर्विस इनोवेट करना, डेवलप करना, लागू करना या उसको व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करना होना चाहिए।

4. पहले से चल रही किसी कंपनी के डिवीजन को अलग करके बनाई गई कंपनी नहीं होना चाहिए।

5. स्थापना के लिए अंतर मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी होना जरूरी है।

6. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लायबिलिटी फर्म होना चाहिए।

स्टार्टअप को किस तरह की टैक्स छूट मिलती है?

1. पहले 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2021 तक शुरू हुए स्टार्टअप सात साल के पीरियड में प्रॉफिट पर तीन साल 100% टैक्स छूट ले सकते हैं।

2. 50 लाख रुपए तक के निवेश को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट मिलती है, अगर रकम को सरकार के बताए फंड में तीन साल के लिए लगाया जाता है।

3. फेयर वैल्यू से ज्यादा दाम पर शेयर बेचने से मिलने वाली रकम पर लगने वाले एंजेल टैक्स से छूट मिलती है।

4. पेटेंट फाइलिंग फीस में 80% और ट्रेडमार्किंग फीस में 50% की रियायत मिलती है।