राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा पर ईडी का छापामार

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  • विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत

विभिन्न विश्वसनीय नेट मीडिया सूत्रों के अनुसार राजस्थान में जब 30 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होनी है, तब 26 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर के आवासों पर ईडी ने छापामार कार्यवाही की है। यह कार्यवाही निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के आवास पर भी की गई है। माना जा रहा है कि यह कार्यवाही सितंबर 2021 में राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के पेपर लीक होने के प्रकरण में की गई है। इस परीक्षा के समय डोटासरा स्कूली शिक्षा मंत्री थे। चूंकि परीक्षा का आयोजन अजमेर स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा किया गया, इसलिए परीक्षा की तैयारियों में डोटासरा का सीधा दखल रहा। इस परीक्षा में प्रदेश के 25 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लिया। लेकिन परीक्षा के दिन ही प्रश्न पत्र आउट होने की खबरें आ गई। सरकार को परीक्षा निरस्त करनी पड़ी जिसकी वजह से 25 लाख अभ्यर्थियों और उनकी अभिभावकों को भारी परेशानी हुई। जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि रीट का पेपर जयपुर स्थित स्ट्रांग रूम से आउट हुआ। इस प्रश्न पत्र को लाखों रुपए में बेचा गया।

एसओजी की जांच के दौरान ही ईडी ने भी रीट पेपर लीक के प्रकरण में जांच शुरू की और इसी के अंतर्गत 26 अक्टूबर को तत्कालीन शिक्षा मंत्री डोटासरा के आवासों पर छापामार कार्यवाही की गई है। पेपर लीक के समय राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद पर डीपी जारोली कार्यरत थे। सरकार ने तत्काल प्रभाव से जारोली को बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त होने के बाद जारोली ने कहा कि प्रकरण में राजनीतिक संरक्षण हैं। हालांकि एसओजी ने अपनी जांच में राजनीतिक संरक्षण पर कोई कार्यवाही नहीं की। लेकिन अब राजनीतिक संरक्षण के मद्देनजर ही डोटासरा पर कार्यवाही की गई है। हालांकि अभी ईडी का कोई अधिकृत बयान सामने नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि ईडी ने अब तक जो जांच पड़ताल की उस में डोटासरा की भूमिका भी सामने आई है। विगत दिनों ईडी ने सीकर स्थित कलाम कोचिंग सेंटर पर भी कार्यवाही की थी। आरोप है कि इस कोचिंग सेंटर से डोटासरा के परिवार से संबंध रहे हैं। सितंबर 2021 में जब रीट की परीक्षा हुई तब सबसे ज्यादा परीक्षार्थी इसी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर रहे थे। आरोप है कि टेस्ट पेपर के माध्यम से इस सेंटर में रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए गए। हालांकि इस मामले में एसओजी और ईडी ने कई लोगों को गिरफ्तार कर विस्तृत जांच पड़ताल की है, लेकिन यह पहला अवसर रहा है जब पूर्व शिक्षा मंत्री से भी पूछताछ हो रही है। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि डोटासरा जब शिक्षा मंत्री थे, तब आठवीं बोर्ड की परीक्षा के प्रश्न पत्रों को लेकर भी विवाद हुआ।

पिछले कई वर्षों से शिक्षा बोर्ड ही प्रश्न पत्र छपवाकर स्कूलों को भेजता था, लेकिन डोटासरा ने प्रश्न पत्रों की छपाई का काम शिक्षा बोर्ड से छीनकर शिक्षा निदेशालय को दे दिया। तब शिक्षा निदेशक सौरभ थे। लेकिन इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह रही कि शिक्षा निदेशालय में प्रश्न पत्रों की छपाई का काम चार गुना अधिक राशि में करवाया। चूंकि राशि का भुगतान शिक्षा बोर्ड को करना था, इसलिए बोर्ड ने अपनी आपत्ति भी दर्ज करवाई, लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं कांग्रेस ने इस छापामार कार्यवाही को राजनीतिक द्वेषतापूर्ण बताया है। कांग्रेस का कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वहीं कांग्रेस को बदनाम करने के लिए ईडी से कार्यवाही करवाई जा रही है।