मेरी कार मेरी सेफ्टी:कोरोना संक्रमण के चलते बढ़ी पुरानी कारों की डिमांड, एक साल में करीब 40 लाख ऐसी कारें बिकी

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(www.arya-tv.com)महामारी की वजह से डर का माहौल है। लोग अब घर में ही रहना पसंद करते हैं। जिन्हें बहुत जरूरी काम हैं सिर्फ वो मजबूरी में निकलते हैं। लॉकडाउन की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बंद है। ऐसे में खुद की गाड़ी का होना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन कम बजट की वजह से लोग नई कार नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में सेकेंड हैंड कार लेना बेस्ट ऑप्शन बनता जा रहा है।

भारत में सेकेंड हैंड कार की सेलिंग की बात करें तो यह लगातार बढ़ती जा रही है। स्टैटिस्टा की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2020 में बाजार का साइज 4.4 लाख यूनिट से ज्यादा था। जो उस दौरान नए कार मार्केट के साइज से अधिक था। जबकि भारत में सेकेंड हैंड कार की सेलिंग 2019 में इस महीने की तुलना में दिसंबर 2020 से ज्यादा है। जिसमें लगभग 50% की बढ़ोतरी हुई है।

लॉकडाउन की वजह से बढ़ी डिमांड
इंडियन ब्लू बुक के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 में भारत का सेकंड हैंड कार मार्केट 4.2 लाख यूनिट था। दावा है कि एक ही वित्तीय वर्ष में कार की सेल में साल दर साल 5% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 2019 में कोरोना महामारी के वजह से नई कार की बिक्री 17.8% कम थी। वहीं सेकेंड हैंड कार की सेल्स वास्तव में 2.8 लाख यूनिट्स में दर्ज की गई जो नई कार की सेलिंग की तुलना में 50% अधिक है।

पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस साल नई और सेकंड कार की सेलिंग में कमी आई है। पिछले वर्ष में सेकेंड हैंड कार केवल 3.9 लाख यूनिट्स सेल हो गई थी। क्योंकि बीच में जब लॉकडाउन हटा तो यूज हुई कार की डिमांड अचानक बढ़ गई।

लोन लेकर कार खरीदने में रिस्क
कोरोना वायरस की वजह से लोग अपनी ही गाड़ी में सफर करना चाहते हैं। ऐसे में सेकेंड हैंड कार की डिमांड बढ़ी है। जिनकी नई जॉब लगी है और बजट कम है उनके लिए सेकेंड हैंड कार बेस्ट ऑप्शन बनता जा रहा है। लॉकडाउन में कई लोगों की कम सैलरी भी मिल रही है तो वहीं जॉब जाने की भी टेंशन है। ऐसे में कोई भी लोन लेकर नई कार लेने का रिस्क नहीं लेना चाहता है।

मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी पर ज्यादा भरोसा
सेकेंड हैंड कार में भी लोग ब्रांड कंपनियों की ओर जा रहे हैं। इसमें लोग मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा. टाटा मोटर्स और टोयोटा की गाड़ियों को खरीद रहे हैं।