डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर में युवा सशक्तिकरण के लिए 10वें रण बहादुर सिंह डिजिटल सेंटर का शुभारंभ किया

Lucknow
  • रोजगार के भविष्य के लिए डॉ. राजेश्वर सिंह ने युवाओं से डिजिटल कौशल सीखने की अपील की
  • सरोजनीनगर डिजिटल शिक्षा का हब बन रहा है, स्थापित हुआ नया डिजिटल सेंटर
  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने साइबर अपराध से निपटने और ए.आई. क्रांति के लिए डिजिटल कौशल की आवश्यकता पर जोर दिया
  • रण बहादुर सिंह डिजिटल सेंटर ने मील का पत्थर हासिल किया: युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 10 सेंटर खोले गए

लखनऊ। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह युवाओं को डिजिटल शिक्षा में अग्रणी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। डॉ. सिंह ने अपने पिता की स्मृति में रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केन्द्रों की स्थापना की पहल भी शुरू की है। इसी क्रम में सोमवार को विधायक ने सेक्टर एच, एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड पर 10वे केंद्र का लोकार्पण किया। इस केन्द्रों की स्थापना के लिए डॉ. सिंह द्वारा 5 कंप्यूटर, इन्टरनेट कनेक्शन, आवश्यक फर्नीचर व अन्य उपकरण भी प्रदान किए जाते हैं। विधायक द्वारा स्थापित किए जा रहे इन केन्द्रों पर युवाओं को माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, टैली, विडियो एडिटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, पर्सनालिटी डेवलपमेंट आदि कोर्सों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।

इस अवसर पर उपस्थित सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ. सिंह ने बताया आने वाला समय भावी पीढ़ी के लिए बहुत कठिन है, शिक्षा और नौकरियां अपना स्वरुप बदल रही है। वर्ष 2030 तक वर्तमान नौकरियों में से 80% का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। मशीनें मानव मष्तिष्क से अधिक कुशाग्र हो जायेंगी, उन्हें नियंत्रित करने के लिए युवा पीढ़ी में तकनीकी समझ, कौशल और अगले स्तर पर मेधा का विकास अत्यंत आवश्यक है। मशीनी युग के प्रभाव पर बोलते हुए सरोजनीनगर विधायक ने बताया कि, वर्ष 1997 में डिजिटल शतरंज खिलाड़ी डीप ब्लू ने गैरी कास्पारोव को शतरंज में हराया। 20 वर्ष पहले तक किसी ने मोबाइल फोन के माध्यम से खरीदारी करने, समाचारों का आदान-प्रदान करने, फिल्में देखने या हाथ की घड़ी से BP, हार्ट रेट, SpO2, बॉडी टेम्परेचर और ECG आदि को मापने की कल्पना भी नहीं की थी। बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। जहाँ 2019 में ये आंकड़ा प्रतिवर्ष 26 हज़ार था, वह अब बढ़कर 26 लाख प्रतिवर्ष तक पहुँच गया है। साइबर अपराधों को रोकने के लिए भी डिजिटल कौशल का होना अत्यंत आवश्यक है।

युवाओं को डिजिटल शिक्षा के साथ आगे बढ़ने और डिजिटल स्किल्स सीखने का आह्वान करते हुए सरोजनी नगर विधायक ने आगे जोड़ा, आने वाला समय एआई और रोबोटिक्स का है। भविष्य में गाड़ियां स्वचालित होंगी और चिकित्सा क्षेत्र में एआई अधिकाँश जांचें करने में सक्षम होगी। सरोजनीनगर के युवा डिजिटल कौशल के साथ आगे बढ़ें और भविष्य के डिजिटल भारत का नेतृत्व करें। इन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करने के साथ-साथ निरंतर संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस दौरान केंद्र संचालक हिमांशु गुप्ता, दीपक गुप्ता, रिषभ गुप्ता, अजय प्रताप सिंह, आरपी यादव, रमा शंकर दुबे, चंद्र भूषण पांडेय, मुकेश बाजपेई, सत्यम शुक्ला, सुनील शर्मा, जानकी अधिकारी, शेर अली खान, शिव कुमार सिंह ‘चच्चू’, जितेंद्र सिंह, अंजलि बाजपेई, श्याम त्रिपाठी, विनय दीक्षित, करुणा सारस्वत, रजनीश श्रीवास्तव, आमोद कुमार जी, पार्षद केएन सिंह व गीता देवी आदि मौजूद रहे।