दिल्लीवासियों की सेहत की चिंता छोड़कर केजरीवाल पंजाब में सिख मुख्यमंत्री का चेहरा ढूंढ रहे

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(www.arya-tv.com)दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच वैक्सीन को लेकर बयानबाजी जारी है। दिल्ली के डिप्टी CM ने मनीष सिसोदिया ने सोमवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार लोगों के वैक्सीनेशन की बजाय विज्ञापनों पर पैसे खर्च कर रही है। इसका जवाब सोशल मीडिया के जरिए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिया। उन्होंने दिल्ली में सोमवार को कम वैक्सीनेशन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की खिंचाई की।

उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें दिल्लीवासियों की सेहत और भलाई की बजाए पंजाब चुनावों की चिंता है। दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने की बजाए वे पंजाब में सिख मुख्यमंत्री तलाश रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि देश में जिस दिन रिकॉर्ड 84 लाख से ज्यादा वैक्सीन लगाई जाती है, उस दिन दिल्ली में सिर्फ 76,259 वैक्सीन डोज का ही इस्तेमाल किया गया। वो भी तब जब उनके पास 11 लाख से ज्यादा डोज उपलब्ध थे। क्यों?

बीते दिन पंजाब में केजरीवाल ने दिया था बयान
बीते दिन केजरीवाल पंजाब दौरे पर थे। इस उन्होंने कहा था कि अगर इस बार के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीती, तो मुख्यमंत्री सिख समाज से ही बनाया जाएगा। यह दुनिया भर में रहने वाले सिखों का हक है।

सिसोदिया के बयान का जवाब दिया
पुरी का ट्वीट सिसोदिया के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया था कि मोदी सरकार कोरोना वैक्सीन के बजाय विज्ञापन पर पैसे खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दिल्ली के अधिकारियों पर 21 जून से सभी के लिए मुफ्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर उसे धन्यवाद देते हुए अखबारों में विज्ञापन देने का दबाव डाला, हमें 2.94 करोड़ डोज की जरूरत के बावजूद अब तक केवल 57 लाख खुराकें ही मिली हैं।

केंद्र सरकार से मांगी 2.3 करोड़ डोज
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि लोगों को विज्ञापनों की नहीं, वैक्सीन की जरूरत है। मैं प्रधानमंत्री से अगले दो महीनों में 2.3 करोड़ डोज की सप्लाई करने का निवेदन करता हूं। मैं वादा करता हूं कि हम आपका ही प्रचार करेंगे। पूरी दिल्ली में विज्ञापन प्रकाशित कराएंगे, लेकिन आप राज्यों को बिना टीका दिए ऐसा करने के लिए मत कहिए।

भाजपा का पलटवार
इसके बाद दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि केजरीवाल ने वैक्सीन खरीदने की आजादी मांगी और केंद्र सरकार ने उन्हें इसकी अनुमति दी, लेकिन इंटरनेशनल मार्केट से वैक्सीन खरीदने में विफल होने के बाद वे अपनी बात से पलट गए। फिर उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए वैक्सीन खरीदे। इससे यह बिल्कुल साफ है कि केजरीवाल सरकार ने वैक्सीनेशन पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है।