उ0प्र0 मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध) अधिनियम-1981 (यथासंशोधित) की धारा-3 की उप धारा(1) में संशोधन करने का निर्णय

# ## Health /Sanitation Lucknow UP
  • उ0प्र0 मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध) अधिनियम-1981 (यथासंशोधित) की धारा-3 की उप धारा(1) में संशोधन करने का निर्णय
(www.arya-tv.com)मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध) अधिनियम-1981 (यथासंशोधित) की धारा-3 की उप धारा(1) में संशोधन करने का निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रीगण, मंत्रिगण, राज्यमंत्रीगण (स्वतंत्र प्रभार) एवं राज्यमंत्रीगण को वर्तमान में मिल रहे वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता तथा सचिवीय भत्ता (कुल 1,10,000 रुपए प्रतिमाह) में से माह अप्रैल, 2020 से माह मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
चूंकि वर्तमान में राज्य विधान मण्डल सत्र में नहीं है, इसलिए संशोधन हेतु मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबन्ध)(संशोधन) अध्यादेश-2020 के प्रख्यापन का निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री , प्रत्येक मंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री अपनी पदावधि में आद्योपान्त 40 हजार रुपए प्रतिमाह के वेतन के हकदार होंगे। मुख्यमंत्री जी, प्रत्येक मंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री माह अप्रैल, 2020 से माह मार्च, 2021 तक प्रतिमाह संदेय वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ते तथा सचिवीय भत्ते के मात्र 70 प्रतिशत के लिए हकदार होंगे।
ज्ञातव्य है कि प्राप्त सूचना के अनुसार वर्तमान में मुख्यमंत्री , प्रत्येक मंत्री, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्री को वेतन/भत्ते आदि के रूप में 1,64,000 रुपए प्रतिमाह प्राप्त होते हैं, जिसमें वेतन 40 हजार रुपए, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 50 हजार रुपए तथा सचिवीय भत्ता 20 हजार रुपए भी सम्मिलित है।
ज्ञातव्य है कि विगत कुछ माह से पूरे देश में कोरोना महामारी (कोविड-19) के संकट का सामना केन्द्र सरकार/राज्य सरकारों द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भी अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, ताकि इस महामारी से लड़ने हेतु सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं/उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके तथा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों को समुचित आर्थिक सहायता/दैनिक उपयोग की आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जा सके, जिससे उन्हें सामान्य जीवनयापन में कठिनाई न हो। यह सुनिश्चित किए जाने हेतु राज्य सरकार के पास पर्याप्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध होना अत्यन्त आवश्यक है। इसके दृष्टिगत मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
———