होली में गिफ्ट-हैम्पर्स का लालच पड़ सकता महंगा:साइबर ठग हुए एक्टिव, बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

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(www.arya-tv.com) होली के त्योहार पर अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करने का सोच रहे हैं, तो सा‌वधान हो जाएं। क्योंकि साइबर ठग फर्जी लिंक तैयार कर वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए नामी ऑनलाइन कंपनियों के प्रोडक्ट का ऑफर दे रहे हैं।

ठग 4जी से 5जी नेटवर्क में सिम बदलने और होली पर रंग- कपड़ों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर भारी छूट दे रहे हैं। ऐसे में जैसे ही लिंक पर आप क्लिक करके एप्लिकेशन फॉर्म भरते हैं। उसके कुछ देर बाद आपका अकाउंट खाली हो जाता है और रुपए कटने का मैसेज आने के बाद ठगी का पता चलता है।

साइबर सेल ने की सावधान रहने की अपील
होली में छुट्टी के चलते लोग धार्मिक स्थल पर घूमने और खरीदारी के लिए ऑनलाइन सामान और होटल की बुकिंग करा रहे हैं। इसका फायदा साइबर ठग उठाने लगे है। लगातार इस तरह की शिकायतें आने पर के चलते साइबर सेल ने सावधान रहने की अपील जारी की है।

ADCP अखिलेश सिंह ने बताया कि होली के अवसर पर फ्री गिफ्ट और कैशबैक का ऑफर देकर लोगों से ठगी होने का साइबर क्राइम में नया ट्रेंड शुरू हुआ है। यह लोग गिफ्ट हैम्पर्स और घूमने के नाम पर कई ऑफर देने की बात कह लोगों की पर्सनल डिटेल्स हासिल कर रहे हैं। जिसके बाद उनके खातों से पैसा उठा दे रहे हैं। इसलिए गिफ्ट और सस्ते टूर पैकेज के चक्कर में किसी फेक कॅालर के झांसे में न आएं। कोई इस तरह के कॉल आने पर फौरन साइबर सेल या स्थानीय थाने से संपर्क करें।

साइबर फ्रॅाड़ होने से बचाएंगे ये टिप्स

  • SMS या वाट्सएप पर फ्री गिफ्ट्स, कूपन और कैशबैक के मैसेज आने पर इग्नोर करें।
  • लुभावने ऑफर के मैसेज के लिंक को बिना वैरीफाई किए क्लिक न करें।
  • निजी जानकारी को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर शेयर न करें। ब्राउजर में सोशल मीडिया या किसी भी अकाउंट में लॉगइन करते समय keep me-login या Remember me को चेक न करें।
  • एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल विभिन्न सेवाओं, वेबसाइट और ऐप में न करें।
  • काम होने के बाद ऑनलाइन अकाउंट्स को लॉग आउट करें। ईमेल अटैचमेंट के जरिए आए किसी भी सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में इंस्टॉल न करें।
  • किसी के साथ कभी भी ओटीपी शेयर न करें। शॉपिंग और बैंकिंग का काम करते वक्त किसी का वाई-फाई इस्तेमाल न करें।
  • रिमोट एक्सेस ऐप टीम व्हीवर, एनी डेस्क और अम्मी एडमिन को किसी के कहने पर डाउनलोड न करें। खासकर तब जब कोई मैसेज के जरिए लिंक भेज रहा हो।
  • सरकारी उपक्रम, वेबसाइट या फंड की आधिकारिक वेबसाइट से ही ट्रांजैक्शन करें। वॉलेट और केवाईसी का अपडेट ऑथराइज्ड सेन्टर पर जाकर ही कराएं।
  • सोशल एकाउंट व बैंक खातों का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं। इसमें नम्बर, अक्षर और चिह्न तीनों हों। साथ ही टू-स्टेप-वैरिफिकेशन लगाए रखे।

साइबर ठगी होते ही इस नंबर करें फोन, यहां करें मेल
साइबर अपराध का शिकार होने की जानकारी होते ही 155260 हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत नोट करवा सकते हैं। https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर शिकायत कर सकते हैं। यहां शिकायत दर्ज कराने के बाद ऑन लाइन फ्रॉड की ट्रांजैक्शन आईडी के जरिए लेनदेन को रोक दिए जाएगा।