भारत की यात्रा पर आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने पाकिस्‍तान को दिया दोहरा झटका

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(www.arya-tv.com) भारत की यात्रा पर आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान ने पाकिस्‍तान को दोहरा झटका दिया है। मोहम्‍मद बिन सलमान एक तो पाकिस्‍तान की यात्रा पर नहीं गए, वहीं भारत और सऊदी अरब के संयुक्‍त बयान में अप्रत्‍यक्ष रूप से पाकिस्‍तानी आतंकवाद पर जोरदार प्रहार किया गया है। भारत और सऊदी अरब ने कहा कि सभी देशों को दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। व‍िश्‍लेषकों के मुताबिक दोनों देशों का यह सीधा इशारा पाकिस्‍तान की ओर था। यह वही पाकिस्‍तान है जिसके सैनिक सऊदी अरब की सेना में लंबे समय से शामिल रहे हैं। यही नहीं दुनियाभर को यह संदेह है कि पाकिस्‍तान के ‘मुस्लिम परमाणु बम’ के लिए पैसा सऊदी अरब ने दिया था।

भारत और सऊदी अरब ने सोमवार को जारी अपने संयुक्‍त बयान में दुनिया के राष्ट्रों से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने और आतंकवादी कृत्यों के लिए मिसाइल और ड्रोन सहित हथियारों तक पहुंच को रोकने का आह्वान किया। पीएम मोदी और सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच बैठक के बाद यह संयुक्त बयान जारी किया गया। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान को आतंकवादी और चरमपंथी समूहों के लिए एक मंच या सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल नहीं करने देने पर भी जोर दिया।

यही नहीं सऊदी अरब और भारत ने आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद किसी भी रूप में मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। बयान में कहा गया, ‘दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि किसी भी कारण से आतंक के किसी भी कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने आतंकवाद को किसी विशेष जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को खारिज किया।’ पाकिस्‍तानी मामलों के विशेषज्ञ एफजे कहते हैं कि दोनों देशों का इशारा पाकिस्‍तान की ओर था जो भारत में आतंकी हमले कराता रहता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्‍तान और सऊदी अरब के बीच एक समय में दोस्‍ती अपने चरम पर थी। पाकिस्‍तानी सऊदी अरब के प्रभाव वाले ओआईसी के जरिए भारत पर निशाना साधता था। वहीं पाकिस्‍तानी सैनिक सऊदी सेना में काम करते थे। यही नहीं जब पाकिस्‍तान ने साल 1998 में पहले परमाणु बम का परीक्षण किया था, उस समय बड़े पैमाने पर लोगों ने यह कहा था कि सऊदी आर्थिक मदद से पाकिस्‍तान ने यह महाव‍िनाशक हथियार बनाया है। वहीं पाकिस्‍तान इसे मुस्लिम दुनिया का बम बताता था।

अब सऊदी प्रिंस भारत की दूसरी राजकीय यात्रा पर आए और अरबों डॉलर के कई समझौतों पर हस्‍ताक्षर किया। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इस हफ्ते मिली जीत के लिए पीएम मोदी या जी20 का दिल्‍ली में आयोजन जिम्‍मेदार नहीं है, बल्कि दुनियाभर में भारत की बढ़ती मौजूदगी इसकी वजह है। इसकी वजह से आज भारत दुनिया के लिए प्राथमिकता बन गया है। उन्‍होंने कहा कि जी20 में जिस बड़े देश का जिक्र नहीं हुआ, उसमें यूक्रेन पहला तो पाकिस्‍तान दूसरा देश है। पाकिस्‍तान को जी 20 से बहुत कुछ खोना पड़ा है। पाकिस्‍तान को पर्दे के पीछे से सैन्‍य शासन और चीन से बढ़ती करीबी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।