क्या 22 साल बाद भी अभेद्य नहीं हो सकी संसद की सुरक्षा? यूपी के पूर्व DGP ने गिना दीं 5 बड़ी गलतियां

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(www.arya-tv.com) देश के लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन में बुधवार को हुई दुस्साहसिक घटना ने साल 2001 के संसद पर हुए आतंकी हमले की यादों को ताजा कर दिया है। 13 दिसम्बर 2023 को 22वीं बरसी मनाई जा रही थी। लेकिन शायद उस आतंकी हमले के 22 साल बाद भी संसद की सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य नहीं बन पाई है।

इसका जीता जागता उदाहरण बुधवार को संसद भवन के अंदर देखने को मिला। जिस संसद भवन की सुरक्षा को लेकर लाख दावे किए जाते हैं उसकी सुरक्षा के चक्र को कुछ अराजकतत्वों ने तोड़ दिया है।

आरोपी ना केवल संसद भवन की दर्शकदीर्घा में पहुंच गए बल्कि कैनिस्टर भी साथ ले जाने में कामयाब हो गए। इसके बाद बीच सत्र के बीचोबीच में जो कुछ भी हुआ उसे दुनिया देख चुकी है। इस घटना ने एक बार फिर संसद की पुख्ता सुरक्षा पर कही ना कही सवाल खड़े कर दिए हैं।

बहुत बड़ी चूक हुई है, शुक्र है कोई बड़ी वारदात नहीं हुई- विक्रम सिंह
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि संसद की सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि आज 22वीं बरसी थी लश्करे तैय्ब्बा ने साल 2001 में हमारे लोकतंत्र के मंदिर पर आक्रमण कर दिया था। लेकिन अगर इस तरह के नौसिखिए अपराधी ऐसी घटना को अंजाम देने में सफल हो गए, तो यह सफल आक्रमण है।

संसद भवन के अंदर कड़ी सुरक्षा होती है लेकिन उसके बावजूद वो अपने साथ स्प्रे ले जाने में सफल हो गए। इसका मतलब बहुत बड़ी चूक हुई है। उन्होंने कहा कि वो तो कहिए अच्छा हुआ कि कोई विस्फोटक या ज्वलंतशील पदार्थ नहीं था वरना आज कुछ भी हो सकता था।

UAPA और रासुका के तहत कार्रवाई हो- पूर्व डीजीपी यूपी

यूपी के पूर्व डीजीपी ने कहा कि इन आरोपियों के खिलाफ धारा 307, अतिक्रमण, UAPA और रासुका के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। जिससे आईपीसी की सुसंगत धाराओं के साथ इनको 7-10 साल की सजा हो सके।

इसके साथ ही इनके परिवार वालों पर भी नजर रखी जाए। यह लोग साल भर के भीतर किससे-किससे मिले है, उसकी जानकारी जुटाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लखनऊ के सागर शर्मा भले ही ई-रिक्शा चालक हो और मिडिल क्लास फैमिली से हो लेकिन उन्होंने जो कांड किया वो बिल्कुल अक्षम्य है।

सुरक्षाकर्मियों पर कड़ी और नजीर पेश करने वाली कार्रवाई हो

पूर्व डीजीपी ने कहा कि युवक के संसद की दर्शक दीर्घा से उठने और रेलिंग से नीचे कूदने में कुछ समय लगा होगा। इतनी देर में संसद में तैनात सुरक्षाकर्मी बहुत कुछ कर सकते थे लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने कुछ नहीं किया। विक्रम सिंह ने कहा सुरक्षाकर्मियों की यह जिम्मेदारी थी कि जो लोग दर्शकदीर्घा में बैठे हैं उनपर कड़ी निगरानी रखी जाए।

संसद में तैनात सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ गंभीर और ऐतिहासिक कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतने भत्ते बढ़ गए, प्रशिक्षण दिया जा रहा और इक्यूपमेंट का उच्चीकरण तक हो गया लेकिन फिर भी ऐसी घटना हो गई। यह बिल्कुल अक्षम्य है।
यूपी के पूर्व डीजीपी

यह भयानक संकेत दे रहा- विक्रम सिंह

इसके साथ ही पूर्व डीजीपी ने कहा कि यह टूल किट प्रोग्राम का हिस्सा है। देश के चार कोनों से सोशल मीडिया के इस तरीके के ई-रिक्शा वाले सागर, नीलम, 42 वर्षीय हरियाणा से

, एक मैसूर और एक हरियाणा से आ जाए, यह टूल किट का एक पार्ट है। विक्रम सिंह ने कहा कि यह एक भयानक संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि टूल किट को 100 टुकड़ों में तोड़ दें।

‘लापरवाही की वजह से हुआ ऐसा’

विक्रम सिंह ने कहा कि संसद में जो सुरक्षाकर्मी तैनात है वो चेहरा पढ़कर बता देते हैं कि इनके पास क्या है, यह सिर्फ लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है।

उन्होंने यह भी बताया कि 2001 की घटना के बाद संसद की सुरक्षा बिल्कुल हाईटेक हो गई है। संसद में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा लगा है।

‘बीजेपी सांसद समेत सबकी जांच हो’

इसके साथ ही पूर्व डीजीपी ने कहा कि बीजेपी सांसद समेत सबकी जांच होनी चाहिए। किसी को किसी तरह की छूट नहीं मिलनी चाहिए। जिसने भी विजिटर कार्ड दिया,

उसने क्यों और कैसे दिया, इनको लेकर क्या जानकारी थी और क्या सत्यापन हुआ, क्या आपराधिक इतिहास के बारे में, इन सभी बिंदुओं पर पूछताछ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीलम को पास भी नहीं मिलना चाहिए था।