US में जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी

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(www.arya-tv.com)अमेरिका ने शनिवार को जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन ‘जैनसेन’ को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया। मॉडर्ना और फाइजर के बाद देश में अप्रूवल पाने वाली यह तीसरी वैक्सीन है। CNN के मुताबिक, यह अमेरिका की पहली सिंगल डोज वैक्सीन है। व्हाइट हाउस के सीनियर ऑफिसर एंडी स्लाविट ने सोशल मीडिया पर कहा कि तीसरी सेफ और इफेक्टिव वैक्सीन का आना बहुत अच्छी खबर है।

US फूड एंड ड्रग रेगुलेटरी एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के एडवाइजर पैनल ने शुक्रवार को इस वैक्सीन की सिफारिश के लिए वोटिंग की थी। इसमें 22 मेंबर्स ने इसके पक्ष में वोटिंग की थी। इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।

44 हजार लोगों पर ट्रायल, एफिकेसी 66.1%
मेयो क्लिनिक के वैक्सीन रिसर्च ग्रुप के हेड डॉ. ग्रेग पोलैंड का कहना है कि हमें एक वैक्सीन की जरूरत है, जिसका जल्दी और बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन हो सके। हम इसकी एफिकेसी ओर यह कब तक सुरक्षा देती है, यह देखना चाहते हैं। जैनसेन वैक्सीन इन सभी पैमानों पर खरी उतरती है।

इस वैक्सीन का ट्रायल अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 44 हजार से ज्यादा लोगों पर किया गया था। FDA के मुताबिक, यह वैक्सीन कोरोना के मॉडरेट और क्रिटिकल मरीजों को दी गई। इस दौरान यह 66.1% इफेक्टिव रही।

अमेरिका में वैक्सीन की सप्लाई कम, डिमांड ज्यादा
अमेरिका ने अब तक कुल 2.92 करोड़ केस की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 5.24 लाख से ज्यादा संक्रमितों की मौत हो गई। इस समय देश में वैक्सीन की डिमांड सप्लाई के मुकाबले कहीं ज्यादा है। आने वाले वक्त में सप्लाई की स्थिति सुधरने की उम्मीद भी नहीं है।

जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को अप्रूवल मिलने से बड़ी आबादी के वैक्सीनेशन में मदद मिलेगी। यह टीका 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को लगाया जाएगा। अमेरिका में अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

साउथ अफ्रीका में बिना अप्रूवल मिले वैक्सीनेशन
2 हफ्ते पहले साउथ अफ्रीका की सरकार ने अप्रूव न होने के बावजूद जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन अपने हेल्थ वर्कर्स को देने का फैसला लिया था। हेल्थ मिनिस्टर ने खुद इस बात की पुष्टि की। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, हेल्थ स्टाफ के लिए वैक्सीन के 80 हजार डोज साउथ अफ्रीका पहुंच भी चुके हैं।

कुल मरीज 11.43 करोड़ से ज्यादा
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 11.43 करोड़ से ज्यादा हो गया। 8 करोड़ 99 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 25 लाख 36 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।