भारत से सनातन को नष्ट करने की साजिश पश्चिमी देशों से

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  • विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत

(www.arya-tv.com) आजकल कुछ अंग्रेजी स्कूलों में एक नए तरीके का ऊल जलूल दिवस मनाया जाता है जिसको हेलोवीन कहा जाता है। अधिकतर स्कूलों में यहां तक कालोनियों में भी हेलोवीन मनाया जा रहा है।

राम कृष्ण दुर्गा के इस देश में हम सभी भारतवासियों को और सनातन प्रेमियों को इस कार्यक्रम का विरोध करना परम आवश्यक है। इसका कारण साफ है क्योंकि अब तो मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बन जाते हैं हाल भी में एक घटना सामने आई जब एक मां अपने बच्चों को ड्रैकुला करके चुराने लगी उसको पिशाच नाम दे दिया तो उसे बच्चों ने बड़े होकर लोगों का रक्त पीना ही चालू कर दिया। इसीलिए सनातन में बच्चों के नाम पवित्र और सुंदर रखे जाने की परंपरा है।

हम सभी को विरोध करना होगा, हम अपने बच्चों को राम , कृष्ण, दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी के रूप में देखना चाहते हैं न कि इस रुप में । खेल और मजाक में भी क्यों यह रुप हो। हेलोवीन का विरोध हर माता-पिता ने करना चाहिए।

हैलोवीन की शुरुआत सबसे पहले आयरलैंड और स्‍कॉटलैंड से हुई थी। ईसाई समुदाय के लोगों में हैलोवीन डे को लेकर मान्‍यता है कि भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्‍माओं को शांति मिलती है। भारत के स्कूलों में भी यह मनाया जाने लगा है पर हम क्यों मनाएं , हमारे पुर्वज भूत नहीं बनते बल्कि पितृदेव के रूप में पूजे जाते हैं । यह कहां तक सही है कि हम अपने नन्हे मासुम बच्चों को भूत, चुड़ैल के रूप में तैयार करें ।

जो भी हो हमको पश्चिमी देशों के षडयंत्रों से भी सजग रहना होगा और किसी भी मानवता विरोधी नाटक या जाने का भी विरोध करना सीखना होगा तभी देश का भविष्य भी उज्जवल हो पाएगा।