(www.arya-tv.com) समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली यानी आईजीआरएस पोर्टल आमजन की शिकायतों का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है। जनता का विश्वास है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पोर्टल पर स्वयं नजर रखते हैं। हालांकि शिकायतों का निस्तारण भी हो रहा है लेकिन शिकायतों की अनदेखी की लंबी फेहरिस्त भी है।
कुछ यूं शिकायतें
शिकायत करने के एक सप्ताह के अंतराल पर ही ऑनलाइन निस्तारण तो हो जा रहा है लेकिन पक्षकार को बिना विश्वास में लिए ही। कुछ मामले में तो कोई जमीन पर जाता नहीं है और कार्य पूर्ण की रिपोर्ट लगा दी जाती है।
जमीन देखी नहीं, लगा दी रिपोर्ट
ब्लाक चिरईगांव के शरद का कहना है कि हमने एक जमीन पैमाइश के लिए आवेदन किया था लेकिन मौके पर कोई राजस्व कर्मचारी नहीं पहुचे लेकिन ऑनलाइन निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी गई.. जब शिकायत किया तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
विपक्ष के नाम फैसला
चोलापुर ब्लाक के एक फरियादी की शिकायत है कि बिजली बिल में अनियमितता की शिकायत की। विभाग जांच करने पहुंचा और बिना किसी आधार के मीटर के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा दिया जबकि अधिक बिल आने की शिकायत मैन की थी। लेकिन विभाग अपनी गलती न मानकर दोष मेरे ही सिर मढ़ दिया। यह तो नजीर है , कई इस तरह की शिकायतें हैं।
प्रति माह 1500 से अधिक शिकायतें
इस पोर्टल पर प्रतिमाह 1500 से 2000 तक शिकायते आती हैं। जिलाधिकारी स्वयं इसकी मॉनिटरिंग करते हैं। समय से शिकायत का निस्तारण नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है। अब तक कई विभागों के अधिकारियों का वेतन भी रोका जा चुका है।