भारत पेट्रोलियम शिकायतों के निवारण हेतु पोर्टल पर शिकायत नहीं हो रही

Lucknow
  • विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत

इंटरनेट के माध्यम से भारत सरकार के आदेश के अंतर्गत विभिन्न उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण हेतु पोर्टल बनाकर अपनी वेबसाइट को सजाया जाता है लेकिन इसकी वास्तविकता तो कुछ और होती है। ऐसी ही घटना भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर दिखाई देती है।

नवी मुंबई के विपुल लखनवी द्वारा जब पेट्रोल रिटेलर पर पंचर बनाने की लूट का समाचार प्रकाशित हुआ और उसके बाद उनकी वेबसाइट पर भी जब अंग्रेजी में कंप्लेंट डालने का प्रयास किया गया तो वह सबमिट ही नहीं हो पाती है कोई न कोई व्यवधान दिखाकर अनेकों बार प्रयास करने पर जब कंप्लेंट नहीं दर्ज हो पाती है। शिकायतकर्ता स्वयं हार कर यह काम बंद कर देता है और उनकी वेबसाइट पोर्टल पर कोई उनके विरोध की टिप्पणी पोस्ट नहीं हो पाती है।

वास्तविकता यह है यह भारत सरकार का नवरत्न जनता के लिए किसी कीचड़ से समान है। जिसमें शिकायत करने वाले को बार-बार फिसलने पड़ता है।

नवी मुंबई के विपुल लखनवी के अनुसार उन्होंने लगभग 20 दिन पहले अपनी शिकायत बीपीसीएल के विभिन्न अधिकारियों को समाचार डालने के पूर्व पोस्ट की थी किंतु उसे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उनके इसमे चाहे वह सीएमडी हो या मार्केटिंग के डायरेक्टर हो या कोई भी हो। सब अपने कानों में तेल डालकर बैठे हैं।

जनता मरती है तो मरने दो उनको तो डीलर से अच्छी खासी कमाई हो जाती है यही लगता है इस कारण उनके विरुद्ध हम बात क्यों सुनें। और तो और पेट्रोलियम मंत्री की वेबसाइट पर भी यह शिकायत की गई फिर भी मंत्री जी तो चुनाव में व्यस्त है उनको इसे क्या मतलब जनता मरे तो मरे।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विकास के लिए कितनी मेहनत करते हैं लेकिन उनके चारों ओर के उनके साथी किस तरीके से उनके ही आदेश को दरकिनार कर अपनी मनमानी करने में व्यस्त रहते हैं यह सिर्फ एक शिकायत से दिख जाता है।

क्या केंद्र सरकार के अधिकारी भारत पेट्रोलियम के इस डीलर के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेंगे या फिर इस शिकायत को नक्कार खाने में तूती की आवाज की भांति नहीं सुनेंगे यह तो आने वाले समय में मालूम पड़ जाएगा। फिलहाल तो एक आम जनता की भांति हम सिर्फ अपना आक्रोश व्यक्त कर सकते हैं और कुछ नहीं। पेट्रोल डीजल तो इन डीलरों से ही लेना पड़ेगा।